हिल्स क्वीन शिमला में बुधवार को मौसम का पहला हिमपात हुआ। यहाँ आये सैलानी अचानक हुए हिमपात से रोमांचित हैं। कल शाम तक तक बर्फबारी के संकेत नहीं थे लेकिन सुबह ६ बजे से हिमपात शुरू हो गया जो यह रिपोर्ट लिखे जाने तक जारी था।
राजधानी में बुधवार सुबह से बर्फ के फाहे गिरने शुरू हुए और राजधानी ने सफेद चादर ओढ़ ली। शिमला में ११. तक बर्फबारी रुक-रुक कर हो रही है। रोहतांग में डेढ़ फुट से अधिक बर्फबारी हुई है। कुल्लू, लाहुल-स्पीति- किन्नौर व धौलाधार की ऊंची चोटियां बर्फ से ढक गई गई है।
बारिश और बर्फबारी के कारण प्रदेश के तापमान में भारी गिरावट आई है वहीं, सीजन की बर्फ़बारी देख स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों के भी चेहरे खिल उठे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक शिमला में गुरुवार तक मौसम के खराब रहने की संभावना है।
जिला सिरमौर की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार पर बर्फबारी का सिलसिला जारी है। बीती रात से ही यहां रुक-रुक कर हिमपात हो रहा है। चूड़धार में एक फुट से ज्यादा हिमपात हो चुका है। वहीं, नोहराधार ओर हरिपुरधार इलाकों में भी बर्फबारी ही रही है। यहां पर आधा फीट तक हिमपात हुआ है। चोटियों पर बर्फबारी व जिले में हुई बारिश के बाद सिरमौर शीतलहर की चपेट में है। मैदानी इलाके भी कड़कड़ाती ठंड का सामना कर रहे हैं। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान माइनस में जाने से पेयजल आपूर्ति करने वाली पाइप लाइनों के साथ-साथ पेयजल स्रोत भी जम गए हैं। ऐसे में ग्रामीणों के समक्ष पेयजल समस्या से निपटना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
चूड़ेश्वर सेवा समिति के अध्यक्ष बाबूराम शर्मा ने बताया कि चूड़धार में रुक-रुक कर ताजा हिमपात होने से तापमान माइनस में चल रहा है। चूड़धार में पेयजल की लाइन जाम हो गई हैं। चूड़धार में पानी की आपूर्ति करने वाली बावड़ी का पानी भी जम गया है। इसको लेकर चूड़धार यात्रा पर भी रोक लगा दी है। अब एक मई के बाद चूड़धार धाम की यात्रा शुरू होगी। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी से वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई है। नोहराधार, हरिपुरधार और कुपवी आदि इलाकों में बर्फबारी से दर्जनों वाहन सड़क किनारे फंसे हैं। यात्रियों को पैदल सफर तय करना पड़ रहा है।