पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में स्वाइन फ़्लू तेजी से फ़ैल रहा है। यहाँ तक कि कुछ रोज पहले पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी स्वाइन फ़्लू की स्पेट में आ गए जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अब वे स्वस्थ हैं। मामले की गंभीरता इस तथ्य से समझी जा सकती है कि अब तक स्वाइन फ़्लू से सूबे में १७ लोगों की जान जा चुकी है।
नवीनतम जानकारी के मुताबिक अब तक सूबे में स्वाइन फ्लू के करीब ८७ मामले सामने आए हैं। इनमें १४ की मौत हुई है। बता दें कि स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर २७५ लोगों का टेस्ट किया गया, जिसमें ८७ पॉजिटिव पाए गए हैं। स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों से चिंतित मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उच्च अधिकारियों की बैठक की। उन्होंने सभी अधिकारियों को स्वाइन फ्लू को लेकर अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध करवाई जाएं।
जानकारी के मुताबिक स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने हो वो उठाएं जाएं। बता दें कि दो साल से कम उम्र के शिशुओं और ६५ वर्ष से अधिक आयु के लोगों और शुगर या किसी अन्य बीमारी से लंबे समय से ग्रस्त मरीजों को स्वाइन फ्लू का अधिक खतरा होता है। इन लोगों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम होती है। स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है। कई बार यह वायरस मरीज के आसपास रहने वाले लोगों को भी शिकार बना लेता है।
प्रदेश में सबसे ज्यादा २७ मरीज कांगड़ा में मिले हैं। इसके बाद शिमला का नंबर आता है, जहां २१ मरीज मिले हैं। आईजीएमसी और सोलन में नए मरीज में संक्रमण की पुष्टि हुई है। बीमारी को लेकर प्रदेश भर में अलर्ट किया गया है।
दिन-प्रतिदिन मरीजों का आंकड़ा बढ़ने से लोगों में बीमारी का खौफ बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कांगड़ा में २७, शिमला में २१, चंबा और मंडी में ४-४ सोलन में ३, बिलासपुर और ऊना में २-२ हमीरपुर और कुल्लू में १-१ मरीज में बीमारी की पुष्टि हुई है।
स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां हैं। जिला के अस्पतालों से लिए जा रहे सैंपलों की जांच इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज और कसौली सीआरआई में की जा रही है।