पाँच राज्यों के चुनाव नतीजों से कांग्रेस ख़ेमे में घबराहट है। इन चुनावों विशेषकर पंजाब, जहाँ कांग्रेस सत्ता में थी; में हार ने पड़ोसी हिमाचल प्रदेश में पार्टी के नेताओं को चिन्तित कर दिया है। उनका मानना है कि इन नतीजों का असर पहाड़ी राज्य के मतदाता पर भी पड़ेगा। भाजपा के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, पार्टी 2022 के अन्त तक होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी सम्भावनाओं को बेहतर बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की वापसी करवा सकती है। बता रहे हैं अनिल मनोचा :-
पिछले साल अक्टूबर में जब सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक बड़े झटके के रूप में कांग्रेस ने हिमाचल में हुए उप चुनाव में तीनों विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कर ली, तो ऐसा सन्देश गया कि विपक्षी कांग्रेस 2022 के आख़िर में होने वाले पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है। हालाँकि उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गोवा और मणिपुर सहित चार राज्यों में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन ने कांग्रेस को परेशान किया है और सबसे ज़्यादा हिमाचल में जहाँ वह आने वाले महीनों में अच्छी ख़बर की उम्मीद कर रही थी।
कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा के ख़िलाफ़ कथित सत्ता विरोधी लहर के मद्देनज़र उत्तराखण्ड में सत्ता हासिल करने की उम्मीद कर रही थी; लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने न केवल उत्तराखण्ड में इस सिलसिले को तोड़ा, बल्कि एक बेहतरीन प्रदर्शन के साथ उत्तर प्रदेश को बरक़रार रखते हुए एक तरह का इतिहास भी रचा। पंजाब में कांग्रेस का प्रदर्शन और भी ख़राब था; क्योंकि उसे आम आदमी पार्टी से हार का सामना करना पड़ा और यहाँ तक कि वहाँ उसके मुख्यमंत्री भी दोनों सीटों से हार गये, जिन पर वह चुनाव लड़े थे।
इन नतीजों पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर यह स्पष्ट किया है कि डबल इंजन सरकार के लिए भारतीय जनता पार्टी बहुत महत्त्वपूर्ण है। धूमल ने कहा कि जब यहाँ (हिमाचल) चुनाव होंगे, तो भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी। यह याद दिलाने पर कि भाजपा अक्टूबर, 2021 में हुए उप चुनाव में मंडी लोकसभा और सभी तीन विधानसभा सीटों- फतेहपुर, अर्की, जुब्बल-कोटखाई में हार गयी थी। उन्होंने कहा कि यह छ: बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, जिनका उस समय निधन हुआ था; के लिए मतदाताओं की सहानुभूति के कारण था।
दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह ने 8 जुलाई को कोरोना महामारी की जटिलताओं के बाद अन्तिम साँस ली थी। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह के नाम पर ‘वोट नहीं, श्रद्धांजलि है’; का नारा देकर जनता से वोट माँगा था और जनता ने उसे स्वीकार करते हुए कांग्रेस को सभी सीटों पर जीता दिया था। मंडी संसदीय उप चुनाव में कांग्रेस ने दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारा था। उन्हें कारगिल युद्ध के नायक भाजपा के ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) खुशाल ठाकुर के ख़िलाफ़ खड़ा किया गया था। उत्साहित राज्य कांग्रेस प्रमुख कुलदीप सिंह राठौर ने दावा किया कि कांग्रेस ने सेमीफाइनल जीता लिया और दिसंबर, 2022 में विधानसभा चुनाव में भी पार्टी विजयी होगी।
उधर वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि हिमाचल में अगले विधानसभा चुनाव में दिवंगत कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह के प्रति सहानुभूति कांग्रेस के काम नहीं आएगी। धूमल, जो प्रदेश में एक लोकप्रिय नेता हैं; के नेतृत्व में भाजपा ने पहले सन् 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत दिलवायी थी और इसके बाद उनके नेतृत्व के रहते भाजपा ने लगातार राज्य में सभी चुनाव जीते।
धूमल सन् 2017 के प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुख्य चेहरा और मुख्यमंत्री पद के घोषित उम्मीदवार थे। लेकिन सुजानपुर हलक़े से अपनी सीट हारने के बाद पार्टी में ही विरोधी गुट ने उन्हें मुख्यधारा की राजनीति से दूर रखने के लिए सब कुछ किया। धूमल ने भी ख़ुद को समीरपुर तक सीमित कर लिया। लेकिन एक लोकसभा और तीन विधानसभा उप चुनावों में हार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप की नेतृत्व क्षमताओं पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। अब यह चर्चा है कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा धूमल के लिए पार्टी में कोई बड़ी भूमिका पर विचार कर रही है।