यह बड़ी उलझन वाला मामला है। उन्नीस साल की एक लड़की का आरोप है कि उसका अपहरण कर उसके साथ चलती कार में दुष्कर्म किया गया। लेकिनफॉरेंसिक रिपोर्ट में यह प्रमाणित नहीं होता कि जिस दिन का जिक्र लड़की अपनी शिकायत में कर रही है उस दिन उसके साथ कोई ‘सेक्सुअल इंटरकोर्सÓ हुआ।फिलहाल यह मामला कोर्ट में है।
रेप का यह मामला देव भूमि शिमला को शर्मसार करने वाला रहा। लोक प्रदर्शन भी हुए इस घटना के विरोध में। राजनीतिक दलों ने भी आवाज उठाई। कांग्रेस औरमाकपा ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की। दिलचस्प यह है कि आरोप लगने के बाद करीब डेढ़ महीने के इस समय में एक भी व्यक्ति कीगिरतारी नहीं हुई। पीडि़त युवती पढ़ाई में भी अच्छी रही है और कहा जाता है कि जमा दो की परीक्षा उसने 90 प्रतिशत अंकों से ज्य़ादा के साथ पास की थी।
‘तहलकाÓ ने शिमला में डीआईजी साउथ आसिफ जलाल से इस बारे में बात की। जलाल ने कहा -‘अभी इस मामले में जांच चल रही है। कुछ फाइनल नहीं हुआ है।Ó उन्होंने यह तो स्वीकार किया कि इस मामले से जुड़ी फॉरेंसिक रिपोर्ट तो आई है लेकिन उसमें क्या है यह वो बता नहीं सकते। ‘यह एक संवेदनशील मामला है।कोर्ट के भी निर्देश हैं। लिहाजा मैं आपको रिपोर्ट के बारे में कुछ बताने की स्थिति में नहीं।Ó जलाल ने मीडिया में फॉरेंसिक रिपोर्ट को लेकर छपी रिपोर्ट्स पर भीटिप्पणी से इंकार कर दिया।
लड़की का आरोप
खुद को दुष्कर्म का शिकार बताने वाली हरियाणा की 19 साल की युवती शिमला में एक संस्थान में कोचिंग लेती थी। उसका आरोप है कि वह 28 अप्रैल की रातकरीब दस बजे मॉल रोड से जब आ रही थी तो ढली-भट्टाकुफर मार्ग पर शिव मंदिर के पास एक कार आकर उसके पास रुकी। आरोप के मुताबिक युवती को कारके भीतर खींच लिया गया और फिर चलती कार में उसके साथ दुष्कर्म किया गया। बाद में उसे अर्धनग्न अवस्था में कार से बाहर फेंक कर कार में बैठे लोग फरार होगए। उसके मुताबिक कार में तीन लोग मौजूद थे। कथित घटना वाले दिन युवती लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी गई थी जहाँ पुलिस ने युवती को गुडिय़ा हेल्पलाइन कानंबर दिया था।
इसके बाद पीडि़ता ने ‘गुडिय़ा हेल्पलाइनÓ के जरिए खुद से दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस जांच में जुटी। शिमला पुलिस ने दर्जनों लोगों सेपूछताछ की। एक चश्मदीद भी सामने आया। पुलिस ने युवती के एक दोस्त को भी हिरासत में लिया और पूछताछ की। लेकिन कुछ ठोस हाथ नहीं लगा।
पीडि़ता का आरोप रहा है कि उसे आरभ से ही हिमाचल पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं। पीडि़ता का पुलिस पर उसके चरित्र हनन का भी आरोप रहा है। उसकाकहना है कि वो झूठ क्यों बोलेगी। उधर पीडि़ता के पिता का कहना है कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट क्या आती है इसके बाद ही वह अगला कदम उठाएंगे।
इस मामले में सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश भी दिए हैं जिसकी जांच रिपोर्ट्स का इन्तजार है। फिलहाल शिमला पुलिस अब तक इस मामले में खाली हाथ हैऔर किसी भी आरोपी की गिरतारी नहीं हुई है।
फोरेंसिक रिपोर्ट पुलिस को मिल चुकी है लेकिन जानकारों के मुताबिक युवती के दुष्कर्म के आरोप फोरेंसिक जांच रिपोर्ट से मेल नहीं खाते। पुलिस का कहना रहाहै कि जांच के दौरान उसे ऐसा कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला जिससे साफ हो सके कि लड़की के साथ अपहरण और दुष्कर्म हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि एसआईटी का दावा था कि जब उसने जांच शुरू की तो लड़की को उस जगह पैदल जाते देखा गया जिस जगह उसने अपहरणहोने की बात कही है। चलती कार में जिस जगह युवती ने खुद से दुष्कर्म होने का आरोप लगाया है उस समय वहां से करीब 25-26 वाहन गुजरे हैं। एसआईटी कीएक थ्योरी यह भी रही कि युवती अपने एक दोस्त की अटेंशन पाना चाहती थी।
पुलिस ने जांच में पाया कि पीडि़ता युवती ढली बायपास पर शिव मंदिर लेकर हिलग्रोव स्कूल तक करीब डेढ़ किलोमीटर तक पैदल गई। हालांकि पीडि़ता ने आरोपलगाया था कि उसका ढली शिव मंदिर के पास एक कार में अपहरण किया गया था। जांच में उस जगह से अपहरण की बात सामने नहीं आई है।
जांच में शामिल टीम के सदस्यों ने इस मामले में छात्रा के एक दोस्त के अलावा कुछ अन्य युवकों से भी पूछताछ की है। पुलिस ने काफी समय तक छात्र के दोस्त केछात्र से पूछताछ की है। छात्रा के इस दोस्त ने पुलिस को बयान दिया था कि पीडि़ता के कॉल करने पर वह उस जगह पहले पहुंचा था, जहां उसको कार से फेंकागया था। पुलिस ने इस बारे में उससे कई सवाल पूछे।
पुलिस ने युवती की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) भी खंगाली है। सीडीआर के आधार पर कुछ युवकों से पूछताछ की गई। पुलिस ने ढली टनल से लेकर उस जगहतक के सीसीटीवी खंगाले हैं, जहां युवती के आरोप के मुताबिक उसे फेंका गया था। पुलिस जांच में वह हिल ग्रोव स्कूल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में भी पैदलजाती दिखाई दे रही है। युवती के मुताबिक उसने घटना की जानकारी अपने एक दोस्त को दी थी जो कि कॉलेज में पढ़ता है। दोस्त ने उसको कपड़े दिए और अपनेघर ले गया जहां फिर पुलिस पहुंची।
लेकिन यहाँ यह सवाल ज़रूर है कि ऐसा ही था तो उसने ‘गुडिय़ा हेल्पलाइनÓ पर कॉल क्यों किया? यही नहीं इससे पहले वो लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी भी गई।वैसे घटना के जांचकर्ता एसआईटी प्रमुख प्रवीर ठाकुर का कहना है – ‘ एसआईटी हर पहलू पर जांच कर रही है।
राजनीतिक दल भी इस मामले में आवाज उठा रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि जब से भाजपा आई है प्रदेश में क़ानून व्यवस्था की हालत पटड़ी से उतरी हुई है।शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं। विक्रमादित्य ने कहा कि मामले को लेकर पुलिस राजनीतिक दवाब में हैऔर मामले को दबाने का प्रयास किया गया है। विक्रमादित्य ने कहा – ‘मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।Ó माकपा ने भी मामले की उचित जांच की मांग कीहै। पार्टी विधायक राकेश सिंघा ने कहा – ‘सच क्या है यह लोगों के सामने आना चाहिए।