इसी साल नवंबर में हिमाचल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके चलते सभी पार्टियों, ख़ासकर भाजपा पूरे दमख़म से तैयारी में लगी है। दावा कर रहे हैं कि मोदी मैजिक के बलबूते भाजपा की सरकार ही दोबारा प्रदेश में बनेगी। ऐसे में हर किसी की ज़ुबान पर सवाल है कि क्या पिछले 35 साल से एक ही पार्टी की सरकार दोबारा न बनने के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भाजपा हिमाचल प्रदेश में लगातार दूसरी बार विजयी होगी? इसी को लेकर भाजपा के उपाध्यक्ष और हिमाचल के प्रभारी अविनाश राय खन्ना से अनिल मनोचा की बातचीत के अंश :-
परम्परागत रूप से हिमाचल में दो ध्रुवीय चुनावी मुक़ाबले होते रहे हैं। सबसे आख़िरी बार जब प्रदेश में कोई तीसरा मोर्चा (लोकतांत्रिक मोर्चा) बना था, तब उसे 4-5 फ़ीसदी ही मत मिले थे। उससे पहले दिवंगत सुख राम की हिमाचल विकास कांग्रेस (हिविकां) थी, जिसे क़रीब छ: फ़ीसदी मत मिले थे। जब मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने हिमाचल में प्रवेश करने की कोशिश की, तो लोगों ने उसे चुनावों में पूरी तरह ख़ारिज़ कर दिया था और वह महज़ एक ही सीट जीत सकी थी। इसके बाद कभी उन्होंने राज्य में कोशिश नहीं की। राज्य में आख़िरी बार सन् 1998 में गठबंधन सरकार बनी थी, जब भाजपा ने सुख राम की हिविकां से तालमेल किया था।
पूर्व सांसद और हिमाचल प्रदेश भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने हिमाचल भवन में ‘तहलका’ को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 सितंबर को पहाड़ी राज्य में एक सभा को सम्बोधित करेंगे। इससे सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि मोदी फैक्टर और मौज़ूदा सरकार का प्रदर्शन राज्य में उस परम्परा को उलट देगा, जिसने पहले कभी एक ही पार्टी को चुनाव में नहीं दोहराया था। उन्होंने कहा कि हिमाचल इस बार नया इतिहास लिखेगा। आम आदमी पार्टी (आप) के मैदान में उतरने के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आप ज़्यादा आधार नहीं बना पाएगी। ज़मीनी स्तर पर उसकी मौज़ूदगी नहीं है। आप के दिल्ली मॉडल की हवा निकल चुकी है।
उन्होंने दावा किया कि अंतत: लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होगी। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि पुरानी पार्टी (कांग्रेस) अब एक विभाजित घर है। भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भाजपा के हक़ में जनादेश के लिए घर-घर जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि लोग भाजपा के साथ जाएँगे, ताकि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार चलती रहे।
पंजाब से ताल्लुक़ रखने वाले और राज्य में काफ़ी प्रभाव रखने वाले पूर्व सांसद खन्ना ने कहा कि लोग पंजाब में भाजपा की तरफ़ देख रहे हैं। क्योंकि मतदाताओं से किया एक भी वादा पूरा करने में आप विफल रही है। भाजपा, जिसने पहले शिरोमणि अकाली दल के कनिष्ठ सहयोगी के रूप में पंजाब का चुनाव लड़ा था; वह राज्य विधानसभा और लोकसभा की सभी सीटों पर चुनाव लडऩे के लिए स्वतंत्र है। यह जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर और चुनौती होगी। पंजाब एक सीमावर्ती राज्य होने के कारण अपनी लम्बित समस्याओं को हल करने के लिए डबल इंजन द्वारा चलाया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पंजाब में पार्टी का मज़बूत आधार है और यह जीवंत राज्य को देश में एक शीर्ष राज्य बनाकर अपने प्राचीन गौरव की ओर ले जाएगी। उन्होंने अपनी भूमिका को लेकर कहा कि भाजपा के अनुशासित सिपाही के रूप में वह पार्टी द्वारा उन्हें जो भी काम सौंपा जाएगा, करेंगे।