पंजाब में आप पार्टी को मिली ऐतिहासिक जीत से अब आप पार्टी इसी साल 2022 में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर कमर कस चुकी है। वहीं 2023 को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आप पार्टी अभी से लोगों के बीच जाकर और पार्टी कार्यालय खोलकर पार्टी का प्रचार और प्रचार करने में लगी है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि पार्टी की क्षवि और ईमानदारी को देखते हुए लोग पार्टी से जुड़ रहे है। जिससे पार्टी राष्ट्रीय स्तर की ओर बढ़ रही है। बताते चलें जो कांग्रेस के कद्दावर नेता है और अन्य पार्टी से रूठे नेता है वे भी आप पार्टी में शामिल होकर पार्टी का जनाधार बढ़ाने में अहम रोल निभा सकते है। सूत्रों की मानें तो चुनाव के पहले अन्य दलों के कई वरिष्ठ नेता आने वाले दिनों में आप पार्टी में शामिल होकर पार्टी का प्रचार -प्रसार कर सकते है।आप पार्टी के नेता अरुण कुमार का कहना है कि कांग्रेस पार्टी का जनाधार धीरे -धीरे कम हो रहा है । और भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है साथ ही लोग महंगाई से परेशान है और युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। जबकि आप पार्टी जनता के बीच जाकर काम कर रही है और युवाओं को रोजगार दे रही है। फ्री में तमाम सुविधाये दे रही है। जिससे जनता आप पार्टी की नीतियों से प्रसन्न है। आप पार्टी के मुखिया व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आगामी 6 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में एक जनसभा और पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेगे। वहीं भाजपा के नेताओं का कहना है कि आप पार्टी को पंजाब में जीत नहीं मिली है। बल्कि कांग्रेस की जनविरोधी नीतियों को की हार हुई है। उनका कहना है कि भाजपा की नीतियों से जनता प्रसन्न है। तभी तो चार राज्यों में भाजपा को जीत मिली है।