जिस समय पीएम नरेंद्र मोदी हिमाचल के धर्मशाला में प्रदेश भाजपा सरकार की एक साल और अपनी सरकार की साढ़े चार साल के उपलब्धियों का बखान कर रहे थे, लगभग उसी समय प्रदेश कांग्रेस शिमला में राज्यपाल के दफ्तर में जयराम सरकार के खिलाफ अपनी ”चार्जशीट” पेश कर रही थी।
राज्यपाल चूँकि धर्मशाला में पीएम मोदी के स्वागत के लिए गए हुए थे, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू, प्रदेश कांग्रेस के सहप्रभारी गुरकीरत कोटली, पार्टी विधायकों और नेताओं ने ”चार्जशीट” उनके अधिकारियों को सौंपी। इसमें जयराम सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों को लेकर आरोप लगये गए हैं और इन आरोपों की जांच की मांग की गयी है।
कांग्रेस ने अपनी ”चार्जशीट” में सबसे पहला निशाना बाबा रामदेव पर साधा है और आरोप लगाया है कि ”जयराम सरकार की मेहरबानी से प्रदेश की बेशकीमती ज़मीन रामदेव को कौड़ियों के भाव” दे दी गयी। कुल १७ पन्नों की ”चार्जशीट” में जयराम सरकार के खिलाफ ३५ आरोप ”तथ्यों” के साथ जोड़े गए हैं। इनमें मुख्या तौर पर ”तबादला माफिया”, ”स्कूली विद्यार्थियों को स्मार्ट वर्दी न मिलने”, बाबा रामदेव को पट्टे के आधार पर भूमि का अनुदान द्वारा अनुचित लाभ पहुंचाना, कंपनी विशेष को लाभान्वित करने के लिए विद्युत बसों की खरीद के लिए स्पेसिफिकेशन में परिवर्तन, बिरोजा चोरी का केस दबाना/कमजोर करना, वक्फ बोर्ड में धन का दुरुपयोग, मनरेगा फंड का दुरुपयोग, धमेटा प्राइवेट कॉलेज का सरकारी अधिग्रहण, आयुर्वेदा डिपार्टमेंट में मेडिसिन का प्रावधान करने के लिए सरकार की विफलता, कंगनी धार का हेलीपैड, बेरोजगारी भत्ते को बंद करना जैसे आरोप शामिल हैं।
इसके अलावा लोकायुक्त को नियुक्त करने में सरकार की विफलता, सरकार द्वारा लग्जरी वाहन की खरीद में अनावश्यक और फिजूल खर्च, शिमला नगर निगम द्वारा बीजेपी विधायक बलवीर वर्मा को गलत एनओसी, ग्रेट खाली का कुश्ती मनोरंजन प्रदर्शन सरकारी आयोजन, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण, शिमला को आवशयक जलापूर्ति करने में सरकार की विफलता, अनुचित व्यक्ति को प्रदेश विश्वविद्यालय का वीसी नियुक्त करना, चहेतों को विवादित होने के बावजूद बेहतर नियुक्ति, सुन्दर पहाड़ी राज्य में बिगड़ती कानून और प्रशासनिक व्यवस्था, हॉर्टिकल्चर मिशन परियोजना रद्द होना संभावित, १५.६०० का ब्रिक्स प्रोजेक्ट दो ही विधानसभा क्षेत्रों पर केंद्रित करना, पूर्व विधायक शिलाई बलदेव तोमर का विधायक निधि का दुरुपयोग करना, अवैध खनन एफकॉन कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा अवैध रूप से लगाए स्टोन क्रशर, परवाणु-सोलन और कीरतपुर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग की फोरलेन का कार्य, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में रिक्तियां, सरकार में आरएसएस की दखलंदाजी, जनमंच एक राजनीतिक स्टेज, प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक सेहत, ६९ राष्ट्रीय राजमार्गों पर कोई काम नहीं होना, आउटसोर्स प्रणाली के तहत चोरदरवाजे से भर्ती, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले वापस लेना और
हिमाचल प्रदेश बिजली नीति में बदलाव करना जैसी बातें जोड़ी गयी हैं।
कांग्रेस के नेता निक्कमी सरकार, एक साल बदहाल जिसे नारे लगाते हुए करीब तीन किलोमीटर पैदल चलते हुए प्रदेश कांग्रेस दफ्तर राजीव भवन से राजभवन पहुंचे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू की अगुवाई में नेता राजभवन पहुंचे। नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ भी नारे लगाए।