हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का चुनाव लड़ना आधार में लटक गया है। गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दंगा भड़काने के मामले में पटेल की सजा खत्म करने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि हार्दिक को मेहसाणा के विसनगर में दंगा भड़काने के एक मामले में दो साल की सजा सुनाई गई थी। वर्तमान में वे जमानत पर हैं। इस फैसले के बाद वे चुनाव में नहीं उतर पाएंगे। जाहिर है इससे गुजरात में कांग्रेस को झटका लगा है हालांकि वे कांग्रेस के लिए प्रचार करते रहेंगे।
हार्दिक की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट सजा खत्म करने से इनकार कर दिया। जाहिर है इस फैसले के बाद हार्दिक सजायाफ्ता हो गए हैं और चुनाव आयोग ने नियमों के मुताबिक वे चुनाव नहीं लड़ सकते।
पटेल हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे। पाटीदार नेता हार्दिक गुजरात के जामनगर लोक सभा हलके से चुनाव लड़ने वाले थे। उनकी गुजरात के पाटीदारों में गहरी पैठ मानी जाती है। कांग्रेस को उनसे बहुत उम्मीद रही है।
याद रहे हार्दिक को भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ करने के मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने १७ आरोपियों में से तीन लोगों को दोषी ठहराया है, वहीं १४ लोगों को बरी कर दिया है। साल २०१५ के इस दंगा मामले में हार्दिक पटेल के अलावा लालजी पटेल को भी दोषी करार दिया गया है। २०१५ में भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर पर हमला हुआ था।