आपने अभी तक इंसानों में बीमारियों को लेकर अलग-अलग तरह की सर्जरी की बातें तो सुनी होंगी और कई कामयाब और सफलता की कहानियाँ भी पढ़ी होंगी। हो सकता है सर्जरी को लेकर बहुत से लोगों ने डर का भी अनुभव किया हो। लेकिन क्या कभी सोचा है कि जिस तरह से इंसानों के दिल की सर्जरी की जाती है, वैसे ही बेज़ुबान जानवरों की भी सम्भव है। अगर ऐसा होता भी है, तो उन पर क्या गुज़र रही होगी या वे कैसा अनुभव करते होंगे, इस बारे में सोचा है? यह बात आपको सोचने को मजबूर कर सकती है। पिछले दिनों जब एक डॉग पर पशु-हृदय रोग विशेषज्ञों ने पेसमेकर लगाया। भारतीय इतिहास में चिकित्सा के क्षेत्र में कामयाबी का यह एक नया इतिहास बना है, क्योंकि देश में पहली बार किसी बेज़ुबान के हृदय की पेसमेकर प्रत्यारोपण की सफल सर्जरी हुई है। इससे पहले देश में किसी कुत्ते पर ऐसी सर्जरी नहीं की गई थी। इसे पशु चिकित्सा के क्षेत्र में एक अहम कदम माना जा रहा है। नई दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित मैक्स वेट्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में गत 15 दिसंबर को यह सफल सर्जरी की गयी।
सर्जरी से पहले डॉक्टर भानु देव शर्मा और डॉक्टर कुणाल देव शर्मा ने अपने यूरोपीय सहयोगियों के साथ इस पर विमर्श किया था। इसके बाद पेसमेकर सर्जरी की योजना बनायी गयी। साढ़े सात साल की खुशी (फीमेल डॉग) का ऑपरेशन 15 दिसंबर को किया गया था। कॉकर स्पैनियल की सफल पेसमेकर सर्जरी में करीब डेढ़ घंटे का समय लगा था। खुशी के मालिक और पशु प्रेमी गुरुग्राम के मनु इस सर्जरी से खासे प्रभावित हैं।
खुशी की तबीयत खराब होने के बाद उसे अस्पताल लाया गया था तो इलाज के दौरान पता चला कि उसका दिल 20 बीट्स प्रति सेकंड की दर से धड़क रहा है। सामान्य तौर पर यह गति 60-120 बीट्स प्रति सेकंड होनी चाहिए। पशुओं के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. भानु देव शर्मा के मुताबिक, खुशी एकदम सुस्त थी। दिल की धड़कनें कम होने से उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। करीब 10 महीने पहले उसके एक कान का ऑपरेशन हुआ था, जिससे वह डॉक्टरों से डरी हुई थी। उसके दिल में ब्लॉक हो गए थे। इससे दिल में खून की आपूर्ति प्रभावित हो रही थी। इससे वह बेहोश हो जा रही थी। ईसीजी से उसके हार्ट के पूरी तरह से ब्लॉक होने का पता चला। अब सर्जरी के बाद उसे नई जिंदगी मिल गई है। बकौल मनु, अब ऐसा लगता है कि जैसे वह अपने बचपन में फिर से वापस आ गई है।
क्या होती है पेसमेकर सर्जरी?
दिल की धड़कन को नियंत्रित रखने के लिए के लिए पेसमेकर (कृत्रिम पेसमेकर) एक चिकित्सा उपकरण है, जो दिल की मांसपेशियों से सम्पर्क करने के लिए इलेक्ट्रोड द्वारा प्रदत्त विद्युत आवेगों का उपयोग करता है। आधुनिक पेसमेकर बाहरी रूप से प्रोग्राम योग्य होते हैं और अलग-अलग मरीज़ों के हिसा बसे पेसिंग मोड का चयन हृदय रोग विशेषज्ञ तमाम जाँच पड़ताल के हिसाब से तय करते हैं।
1967 में हुआ था पहला
हृदय प्रत्यारोपण
दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केपटाउन के अस्पताल में 3 दिसंबर 1967 को ग्रूट अस्पताल में इंसान में सर्जरी के ज़रिये हृदय प्रत्यारोपण करके इतिहास रचा गया था। प्रोफेसर क्रिस्टियन नीथलिंग बर्नार्ड की नज़रें ऑपरेशन थियेटर में डेनिस डारवैल के दिल की धड़कनों पर टिकी थीं। देखते-ही-देखते डारवैल के दिल की धड़कन सामान्य हो गयी और इस तरह दुनिया का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट कामयाब रहा था। इस तरह बर्नाड रातोंरात मशहूर हो गये। जिस अस्पताल में पहला हृदय प्रत्यारोपण किया गया था, वहाँ अब संग्रहालय बना दिया गया है।