भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने फिर विवादित बयान देते हुए दावा किया है कि वे अयोध्या गई थीं और विवादित ढांचे पर चढ़कर उसे तोड़ा भी था। उन्होंने कहा कि ”इस पर मुझे गर्व है”। वैसे कुछ राजनीतिक जानकार साध्वी के इन बयानों को ”पूर्व नियोजित और चुनाव में ध्रुवीकरण की भाजपा की कोशिश” भी बता रहे हैं। उधर निर्वाचन आयोग ने इस ब्यान पर साध्वी को एक और नोटिस थमा दिया है।
शहीद हेमंत करकरे पर विवादित ब्यान के बाद अब साध्वी के नए ब्यान ने फिर विवाद पैदा कर दिया है। आयोध्या पर साध्वी ने कहा – ”ईश्वर ने मुझे अवसर और शक्ति दी थी, इसलिए मैंने यह काम (विवादित ढांचा गिराना) किया। मैंने देश का कलंक मिटाया था। मैं आगे भी अयोध्या जाऊंगी और वहां राम मंदिर निर्माण में मदद करूंगी। कोई भी हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकता है। राम ही राष्ट्र हैं और राष्ट्र ही राम है”।
साध्वी के इस ब्यान पर निर्वाचन अयोग ने स्वत: संज्ञान (सु-मोटो) लेते हुए ऐसा विवादित बयान देने पर साध्वी प्रज्ञा को आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस भेजा है। उन्हें विवादित बयानों पर निर्वाचन अयोग का यह दूसरा नोटिस है। इससे पहले हेमंत करकरे को लेकर अपमानजक टिप्पणी पढ़ी उन्हें आयोग का नोटिस मिल चुका है।
अयोध्या का विवादित ढांचा गिराए जाने को लेकर साध्वी प्रज्ञा का यह बयान बहुत अहम् माना जा रहा है, क्योंकि भाजपा के कई बड़े नेता तक साफ़-साफ़ इस तरह का ब्यान देने से गुरेज करते रहे हैं। हालांकि, राजनीति के जानकार इसे भाजपा/साध्वी की रणनीति और चुनाव के कथित ध्रुवीकरण की कोशिश मान रहे हैं। कुछ का कहना है कि भोपाल में साध्वी का मुकाबला कांग्रेस के जिन दिग्विजय सिंह के साथ है, वि एक मजबूत प्रत्याशी हैं लिहाजा साध्वी ने पहले मालेगांव मामले पर ब्यान देकर अपने प्रति सहानुभूति अर्जित करने और अब अयोध्या का राग छेड़कर ध्रुवीकरण की वे कोशिश कर रही हैं।
इस बीच मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साध्वी प्रज्ञा के बयान पर कहा – ”यह भाजपा का असली चेहरा है। वह शहीद को देशद्रोही कह रहे हैं। ऐसे राष्ट्रवाद पर धिक्कार है, जो शहीद को देशद्रोही करार दे। ये कैसा राष्ट्रवाद है, जिसमें उन्होंने ३० साल तक अपने कार्यालय पर देश का झंडा नहीं फहराया? अफजल और मसूद अजहर को प्लेन में बैठाकर अफगानिस्तान तक छोड़ा”। फिलहाल साधी के बयानों पर राजनीतिक हलकों में तूफ़ान मचा है।