अठारह साल पहले झूठा शपथ पत्र पेश करने के मामले में सुपरस्टार सलमान खान को जोधपुर की जिला कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। राजस्थान सरकार की याचिका को कोर्ट ने वीरवार को खारिज कर दिया। इस दौरान अभिनेता सुनवाई के दौरान आॅनलाइन पेश हुए। सलमान के खिलाफ काला हिरण के अलावा जोधपुर में एक और मामला दर्ज किए जाने के लिए याचिका दायर की गई थी।
जिला अदालत के इस फैसले के बाद सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने बताया कि दूसरी बार है जब मामले से जुड़ी याचिका को खारिज किया गया है। पहले चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट भी इसको खारिज कर चुके हैं। लंबी सुनवाई के बाद आखिर न्याय मिला।
सलमान को 1998 में जोधपुर के पास कांकाणी गांव में 2 काले हिरणों के शिकार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनसे हथियारों का लाइसेंस मांगा था। इस पर 2003 में सलमान ने कोर्ट में हलफनामा देकर बताया था कि लाइसेंस कहीं गुम हा ेगया है। इस बारे में सलमान की ओर से 8 अगस्त 2003 को मुंबई के बांद्रा पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर की प्रति भी संलग्न की गई थी।
जांच के बाद अदालत में पता चला कि सलमान खान का आम्र्स लाइसेंस गायब नहीं हुअ, बल्कि उसने नवीनीकरण के लिए दिया हुआ है। तब सरकार की ओर से अदालत में मांग की गई थी उन पर कोर्ट को गुमराह करने का केस दर्ज किया जाए।
अदालत में अंतिम बहस के दौरान सलमान के वकील ने दलील दी कि अभिनेता अपने काम में बहुत ज्यादा व्यस्त थे, इसलिए वे भूल गए थे कि उनका लाइसेंस रिन्यू होने के लिए दिया हुआ है। वकील ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि अगर किसी मामले में आरोपी को कोई फायदा नहीं हो और गलती से झूठा एफिडेविट पेश हो जाए तो उसे बरी कर दिया जाना चाहिए।