सर्वोच्च अदालत ने गुजरात के पूर्व गृहमंत्री हरेन पंड्या की २००३ में हुई हत्या से जुड़े मामले में फिर से जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए ११ फरवरी की तारीख तय की है। एक एनजीओ ने यह याचिका दायर की है।
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि इस मामले से संबंधित अपील पर एक अन्य बेंच पहले ही सुनवाई कर चुकी है। बेंच ने कहा कि उचित होगा कि वही पीठ इस याचिका की सुनवाई करे। पीठ ने इसके साथ ही यह याचिका ११ फरवरी के लिये सूचीबद्ध कर दी।
एनजीओ ने अपनी याचिका में कहा है कि हाल ही में सामने आई कुछ चौंकाने वाली जानकारी के कारण इस याचिका की ज़रुरत पैदा हुई है। याचिका में कहा गया है कि सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ कांड के एक गवाह आजम खान ने मुंबई की एक निचली अदालत में कहा था कि ”सोहराबुद्दीन ने मुझे बताया था कि गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पंड्या की हत्या एक कॉन्ट्रैक्ट कीलिंग थी।” गवाह ने दावा किया था कि गुजरात के एक आईपीएस अधिकारी का भी इस हत्या से संबंध था।
गौरतलब है कि वरिष्ठ भाजपा नेता हरेन पंड्या जो गुजरात के गृह मंत्री थे, की २००३ में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की थी। ट्रायल कोर्ट ने हत्या के लिए १२ लोगों को दोषी ठहराया था, लेकिन गुजरात उच्च न्यायालय ने उन्हें यह कहते हुए बरी कर दिया कि जांच एजेंसी ने अपनी जांच में असंगतता दिखाई है।
बता दें उच्च न्यायालय ने पंड्या मर्डर ममले की ठीक से जांच नहीं करने को लेकर सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि वर्तमान मामले में जो चीजें निकलकर सामने आई हैं, उनसे साफ होता है कि जांच एजेंसी ने अपना काम ठीक से नहीं किया।