
हरियाणा में सड़क सुरक्षा को लेकर पुलिस की जीरो-टॉलरेंस नीति का असर साफ दिख रहा है। 1 जनवरी 2025 से 24 नवंबर 2025 तक पूरे राज्य में 63,073 ड्रंकन ड्राइविंग चालान किए गए—जो यह दर्शाता है कि हरियाणा पुलिस नशे में वाहन चलाने जैसे खतरनाक व्यवहार पर किसी भी प्रकार की ढिलाई बरतने को तैयार नहीं है। इस पहल ने न केवल अनगिनत ज़िंदगियों को सड़क हादसों से बचाया है, बल्कि यातायात अनुशासन को मज़बूती दी है।
जिलेवार आंकड़ों से पता चलता है कि गुरुग्राम में सबसे अधिक 24,972 चालान किए गए। इसके बाद फरीदाबाद में 7,402, करनाल में 4,851, पंचकूला में 4,180, और जींद में 3109 चालान किए गए। यह आंकड़े साफ संकेत देते हैं कि बड़े शहरी इलाकों में पुलिस ने सबसे ज्यादा निगरानी बढ़ाई, जहां रात के समय भारी ट्रैफिक के कारण जोखिम अधिक रहता है।
हरियाणा पुलिस द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सभी जिलों में नियमित विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। इन अभियानों का उद्देश्य केवल नशे में ड्राइविंग रोकना नहीं, बल्कि लेन ड्राइविंग, ध्वनि प्रदूषण, और रेड-ब्लू लाइट के दुरुपयोग पर भी कठोर निगरानी रखना है। साप्ताहिक रिपोर्टों के अध्ययन के बाद पुलिस मुख्यालय ने जिलों को निर्देश दिए हैं कि वे इन अभियानों को और अधिक प्रभावी तथा परिणाम-उन्मुख बनाएं।
नए निर्देशों के अनुसार, सभी टोल प्लाज़ाओं पर शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक पुलिस की विशेष टीमों को तैनात किया जा रहा है। ये टीमें Alco-Sensor और E-Challan मशीनों से लैस रहती हैं ताकि मौके पर ही जांच कर नशे में गाड़ी चलाने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। यह पहल हाईवे सुरक्षा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
हरियाणा पुलिस का स्पष्ट संदेश है कि ड्रंकन ड्राइविंग न केवल आपके जीवन को खतरे में डालती है, बल्कि सड़क पर चल रहे हर व्यक्ति की सुरक्षा को जोखिम में डालती है। पुलिस बार-बार अपील कर रही है: “नशा करके गाड़ी न चलाएं—स्टेयरिंग पर बैठते समय आपकी जिम्मेदारी आपके हाथों में होती है।”
पुलिस बार-बार यह स्पष्ट कर चुकी है कि अभियान का उद्देश्य सिर्फ चालान करना नहीं, बल्कि लोगों को समझाना है कि सड़क सुरक्षा सामूहिक जिम्मेदारी है।हरियाणा पुलिस का मानना है कि सड़क पर सुरक्षा तभी सुनिश्चित हो सकती है जब हर नागरिक स्वयं नियमों का पालन करे और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करे। इसलिए चालान कार्रवाई को अंतिम लक्ष्य नहीं माना जाता, बल्कि यह एक माध्यम है जिससे लोग अपने और दूसरों के जीवन की महत्ता को समझें।
हरियाणा पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे स्वयं भी जागरूक बनें और अपने परिवार, मित्रों व सहकर्मियों को नशे की हालत में वाहन न चलाने की सलाह दें। सड़क पर सुरक्षित ड्राइविंग ही असली ‘सेफ्टी कवच’ है।


