पता नहीं सपा-बसपा अपना हनीमून टूटने का कोइ औपचारिक ऐलान करेंगे या नहीं, लेकिन दोनों दलों के दो बड़े नेताओं मायावती और अखिलेश ने साफ़ कर दिया है कि आने वाले ११ सीटों के उपचुनाव वे अलग-अलग लड़ेंगे। मायावती के गठबंधन तोड़ने के ऐलान के बाद अब अखिलेश ने भी गठबंधन से बाहर जाकर अकेले उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
एक सपा कार्यकर्ता की हत्या पर अफ़सोस और प्रोटेस्ट करने पहुंचे अखिलेश से पत्रकारों ने जब पूछा कि मायावती ने अलग होने की बात कही है तो अखिलेश ने असल में यह कहा – ”रस्ते अलग हुए तो उसका भी स्वागत। अलग रास्ते पर कार्यकर्ताओं को बधाई। हम भी अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी करेंगे। सोच समझकर विचार करेंगे।”
दोनों नेताओं के इन बयानों के बाद लग यही रहा है कि इन दलों का गठबंधन अब खत्म हो चुका है और सिर्फ इसका औपचारिक ऐलान बाकी है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश लोकसभा चुनाव में अपनी जीत के लिए आजमगढ़ के वोटरों का शुक्रिया अदा करने अपने संसदीय क्षेत्र गए थे।
सोमवार को तो अखिलेश ने कहा था कि एसपी और बीएसपी के साथी मिलकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन मंगलवार को मायावती का अलग होने वाला ब्यान आते ही अखिलेश ने कहा – ”हमारी पार्टी अकेले भी लड़ने के लिए तैयार है और २०२२ में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। समाजवादी उपचुनावों में भी सभी ११ सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।” लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से नौ भाजपा विधायकों और सपा, बसपा के एक एक विधायक के सांसद बनने के बाद खाली हुई ११ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है।