नरेंद्र मोदी को भाजपा और मीडिया का एक वर्ग भले ही भावी प्रधानमंत्री के तौर पर पेश कर रहा हो, लेकिन कभी उनके साथ रहे नेता ही उन्हें गुजरात की सत्ता से भी बेदखल करने के अभियान में लगे हुए हैं. इस अभियान की अगुवाई कर रहे महागुजरात जनता पार्टी के अध्यक्ष और मोदी सरकार में गृह मंत्री रहे गोर्धन जडाफिया हिमांशु शेखर को बता रहे हैं कि मोदी के साथ तो संघ की गुजरात इकाई भी नहीं है.
क्या आपको लगता है कि गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों को आपकी पार्टी त्रिकोणीय बनाने में कामयाब होगी?
हम तो इसी भरोसे के साथ काम कर रहे हैं. पिछले चुनाव में हमारी पार्टी सिर्फ चार महीने पुरानी थी. इस बार तो पांच साल पुरानी है. इस बार हमारा साथ गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल भी दे रहे हैं. अन्य कई ऐसे नेता हमारे साथ हैं जिनकी राज्य की राजनीति में अपनी एक पहचान है. मैं तीसरे कोण के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा, चुनाव के नतीजे खुद इसे साबित करेंगे.
केशुभाई पटेल तो अब भी भाजपा के साथ बने हुए हैं.
आप सही कह रहे हैं. वे अभी तक तो भाजपा में हैं लेकिन वे महागुजरात जनता पार्टी के कार्यक्रमों में लगातार शामिल हो रहे हैं. वे हर कदम पर हमारे साथ हैं. उन्होंने शीर्ष नेतृत्व को भी पूरी बात बता रखी है. आने वाले दिनों में स्थिति और साफ होगी.
भाजपा आरोप लगा रही है कि आप मोदी का खेल खराब करने के लिए कांग्रेस के समर्थन से गुजरात में काम कर रहे हैं.
यह आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है. भाजपा से कहीं अधिक हमारी दूरी कांग्रेस से है. कांग्रेस के समर्थन से काम करने का सवाल ही नहीं उठता.
चुनाव से पहले या चुनाव के बाद अगर कांग्रेस आपको गठबंधन करने का प्रस्ताव देती है तो आप क्या करेंगे?
कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का सवाल ही नहीं पैदा होता. कांग्रेस की सरकार को भी राज्य की जनता ने मौका दिया, लेकिन उसने भी यहां के लोगों को ठगने का ही काम किया. इससे भी बड़ी बात यह है कि पिछले दस साल से मोदी ने जिस तरह से विकास का हौवा खड़ा किया उसका पर्दाफाश कांग्रेस ने एक जिम्मेदार विपक्ष की तरह नहीं किया. विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई, इससे जनता निराश है.
मोदी तो विकास के लंबे-चौड़े दावे कर रहे हैं. ऐसे में राज्य की जनता आप जैसे किसी नए विकल्प पर भरोसा क्यों करेगी?
मोदी जिस विकास की बात कर रहे हैं वह सिर्फ मीडिया में है. जमीनी स्तर पर जाकर देखेंगे तो पता चलेगा कि कितना विकास हुआ है. जिस विकास की बात नरेंद्र मोदी कर रहे हैं उसकी भारी कीमत राज्य की जनता को चुकानी पड़ी है. गुजरात की जनता मोदी के इन दावों की हकीकत समझ गई है, इसलिए आज लोग खुद नया विकल्प तलाश रहे हैं.
गुजरात भाजपा यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि मोदी को जिताओगे तो उनके दिल्ली जाने का रास्ता साफ होगा और गुजरात को पहला प्रधानमंत्री मिलेगा. इससे आप कैसे निपटेंगे?
राज्य की जनता ने देख लिया है कि मुख्यमंत्री के तौर पर उनके दावे और जमीनी सच्चाइयों में कितना फर्क है. हम राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लगातार जा रहे हैं और लोगों से जिस तरह का समर्थन मिल रहा है उसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि हम मोदी को गुजरात से बाहर निकलने ही नहीं देंगे.
भाजपा के पास मोदी के तौर पर मुख्यमंत्री का एक मजबूत उम्मीदवार है. क्या आपके पास कोई मजबूत और विश्वसनीय चेहरा है जिस पर जनता भरोसा कर सके?
अगर हम चुनाव जीतने में सफल रहते हैं और हमारे पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या आती है तो कोई न कोई नया और मजबूत नेतृत्व खुद ही लोगों के सामने आ जाएगा. लोग महागुजरात जनता पार्टी पर इसलिए भरोसा करेंगे क्योंकि नरेंद्र मोदी ने पिछले दस साल में लोगों को भरोसा बार-बार तोड़ा है.
आप अब भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में जाते हैं. तो क्या आपके इस मोदी विरोधी अभियान को संघ का समर्थन हासिल है?
मैं संघ का स्वयंसेवक हूं और जो भी कर रहा हूं उससे संघ के अधिकारियों को मैंने वाकिफ कराया है. यहां गुजरात में तो संघ की इकाई भी नरेंद्र मोदी के खिलाफ हमारा समर्थन करती है.
लेकिन संघ नेतृत्व तो मोदी का हिमायती है.
पहले भी ऐसा मौका आया है जब संघ नेतृत्व और राज्य इकाई ने अलग रवैया अपनाया है. इस बार मैंने और केशुभाई पटेल ने संघ के सभी बड़े अधिकारियों को मोदी की कार्यशैली और अपनी योजना के बारे में बता रखा है.