जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के विधानसभा भंग करने के फैसले पर नैशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उम्र अब्दुल्ला ने सवाल उठाया है। उन्होंने गुरूवार को प्रेस कांफ्रेंस करके पहली बार स्वीकार किया कि तीन दल (पीडीपी, एनसी, कांग्रेस) साथ थे। अब्दुल्ला भाजपा महासचिव राम माधव पर भी भड़के और उन्हें पाकिस्तान वाले ब्यान को साबित करने की चुनौती दी।
प्रेस कांफ्रेंस में उमर अब्दुल्ला ने राम माधव से या तो आरोप साबित करने या माफी मांगने को कहा। उमर अब्दुल्ला ने यह टिप्पणी भाजपा महासचिव राम माधव के उस बयान को लेकर कही जिसमें उन्होंने कहा था कि ”हो सकता है कि पीडीपी और एनसी को मिलकर सरकार बनाने का निर्देश सीमा पार से मिला होगा क्योंकि वे अभी तक लोकल बॉडी के चुनावों का बहिष्कार कर रहे थे।” उम्र इस ब्यान पर काफी गुस्से में दिखे।
नैशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कश्मीर को बदनाम करने की साजिश हुई है। कश्मीर ने साजिश का खामियाजा भुगता है। हॉर्स ट्रेडिंग के सवाल पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस बात की जांच करवाई जाए कि कौन लोग पैसे के लेन-देन में लगे हुए थे। ”राज्यपाल ये बताएं कि उन्हें इसकी जानकारी कहां से मिली। वे लोग कौन थे जो हॉर्स ट्रेडिंग कर रहे थे।”
उन्होंने कहा कि आज उनसे पूछा जा रहा है कि अपने से अलग विचारधारा वाली पीडीपी के साथ जाने को हम कैसे तैयार हुए। ”पहले वो ये बताएं कि जब बीजेपी-पीडीपी का गठबंधऩ बना था उस वक्त ये सवाल क्यों नहीं उठा। हमने सूबे के हित में यह फैसला किया। अपने तमाम विरोध दरकिनार किये लेकिन बीजेपी ने विधानसभा भंग करवा दी।”
उमर अब्दुल्ला मजाक में यह भी कहा कि ने कहा कि ”राज्यपाल के पास कैसा फैक्स मशीन है कि वो वनवे काम करता है। उससे सिर्फ आउटगोइंग होती है, इनकमिंंग नहीं होती है।”
यह पूछने पर कि क्या नैशनल कांफ्रेंस राज्यपाल के फैसले को कोर्ट में चुनौती देगी उम्र ने कहा – ”जिस दल (पीडीपी) ने राज्यपाल को खत भेजा, कायदे से वही कोर्ट में जा सकता है। हमने तो उन्हें स्पोर्ट की बात की थी हम मुख्य पार्टी नहीं।”