एनसीपी-कांग्रेस ने मंगलवार देर शाम कहा कि शिव सेना के साथ सरकार बनाने पर बात होगी, लेकिन दोनों ने कहा है कि कई स्पष्टीकरण बाकी हैं उसके बाद ही कोइ अंतिम फैसला किया जाएगा। दोनों ने राष्ट्रपति शासन की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इसकी कोइ जरूरत नहीं थी। न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण के बाद ही कोइ अंतिम बात होगी। पवार ने कहा है कि हम दोबारा चुनाव नहीं चाहते हैं। दोनों की बातों से साफ़ है कि बहुत ठोक-बजाकर ही शिव सेना को अपनी शर्तों पर समर्थन दिया जाएगा। यह भी साफ़ है कि महाराष्ट्र में बहुत जल्दी सरकार शायद नहीं बनेगी।
एनसीपी नेता शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुम्बई में एक प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही। कहा कि जिस दिन सहयोगी शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस में पूरी बात फाइनल हो जाएगी उसके बाद सरकार के लिए रास्ता साफ़ हो पायेगा । गौरतलब है कि राष्ट्रपति ने आज शाम ही महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को मंजूरी प्रदान की थी।
प्रफुल्ल पटेल ने कहा – कांग्रेस और एनसीपी जिन्होंने महाराष्ट्र में गठबंधन करके लड़ा था। वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति पर चर्चा की। शिव सेना ने सरकार की बात की थी, हमने कोइ फैसला अभी नहीं किया है। आम सहमति बनाने के बाद ही कोइ रणनीति तय की जाएगी। आगे बातचीत जारी रहेगी।
अहमद पटेल ने कहा – हम राष्ट्रपति शासन की कड़ी आलोचना करते हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन हैं, लेकिन भाजपा ने हमेशा मनमानी की है। यह संबिधान और लोकतंत्र का मजाक उड़ाने की कोशिश राज्यपाल ने की है। कांग्रेस को कोइ न्योता नहीं आया। यह गलत बात हुई है।
शरद पवार ने कहा – कई मुद्दे हैं जिनपर बात किये बिना सरकार की बात नहीं हो सकती। यह ज़रूरी है कि यह पहले तय कि इसकी नीति क्या हो, क्या मुद्दे हों।” कहा कि अभी हम दोनों के बीच ही बात चल रही है उसके बाद देखेंगे क्या करना है।