शिव सेना ने रविवार को दावा किया कि उसके पास पूर्ण बहुमत है और उसके पास १७० विधायकों का समर्थन है। इस बीच महाराष्ट्र से जुडी बड़ी खबर यह है कि एनसीपी प्रमुख दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे। संभावना है कि इस मुलाकात में शिव सेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन पर चर्चा होगी।
जानकारी के मुताबिक शिव सेना अब भाजपा पर दबाव बनाने नहीं, उसके बिना सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने दावा किया कि पार्टी के पास १७० विधायकों का समर्थन है और शिव सेना का मुख्यमंत्री होगा।
विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर चल रही तनातनी के बीच शिवसेना पूर्ण बहुमत होने का दावा भाजपा को मुश्किल में डाल सकता है। ऐसा दिख रहा है कि भाजपा से सख्त नाराज एनसीपी शिव सेना को समर्थन का मन बना रही है और कांग्रेस को भी साथ लेने के लिए मना रही है। भाजपा खेमे में अभी तक यही विचार था कि शिव सेना उससे बाहर नहीं जाएगी लेकिन अब ऐसा नहीं दिख रहा।
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने रविवार को बाकायदा पत्रकारों से बातचीत में पार्टी के पास बहुमत का आंकड़ा होने का दावा किया है। उन्होंने कहा – ”अभी हमारे पास १७० विधायकों का समर्थन है, जो १७५ तक पहुंच सकता है। हमारा सीएम बनेगा, जो हम बनाने में सक्षम हैं।”
यही नहीं संजय राउत ने भाजपा पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा – ”गठबंधन सरकार बनाने के लिए गुंडों का इस्तेमाल हो रहा है। जल्द सब बताऊंगा। येदुरप्पा फार्मूला महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। ये हमारे लिए रिमोट कंट्रोल का खेल नहीं है। ये सत्य का विषय है। जो खेल कर रहे जनता उनको सबक सिखाएगी। यहां झूठ नहीं चलता झूठ की बात नहीं चलेगी।”
शिव सेना की भाषा बता रही है कि उसने भाजपा से छिटकने का मन बना लिया है। सेना के पास ५६ विधायक हैं जबकि कांग्रेस के ४४ और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के ५४ मिलकर उसका बहुमत हो जाता है। वैसे कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा शिव सेना पहले ही कर चुकी है।