भारतीय वायुसेना ने स्वीकार किया है कि बालाकोट के बाद २७ फरवरी को पाकिस्तान की तरफ से भारत की सीमा में आने के समय भारत का जो एमआई-१७ चॉपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, वो हमारी ही मिसाइल का निशाना बना था। याद रहे इस हादसे में भारतीय वायुसेना के ६ अधिकारियों की मौत हो गयी थी। एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने शुक्रवार को माना कि ”यह एक बड़ी गलती थी”।
भारतीय वायुसेना के नवनियुक्त एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने शुक्रवार को वायुसेना दिवस से पहले पहली प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित किया। इसमें उन्होंने कहा कि एमआई-१७ चॉपर दुर्घटना मामले की ”कोर्ट ऑफ इंक्वायरी” पूरी हो चुकी है।
भदौरिया ने कहा – ”इस दुर्घटना में हमारी गलती थी क्योंकि हमारी मिसाइल ने हमारे ही हेलिकॉप्टर को निशाना बनाया था। इस मामले में हम दो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। हम स्वीकार करते हैं कि यह हमारी बड़ी गलती थी और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी गलतियां न दोहराई जाएं।”
उन्होंने कहा – ”बडगाम हादसा हमारी गलती थी । कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी से मालूम पड़ा कि एमआई १७ हेलीकॉप्टर हमारी अपनी ही मिसाइल से टकराया था । अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।”
बालाकोट कार्रवाई का प्रमोशनल वीडियो रिलीज
वायुसेना ने इस मौके पर एक प्रमोशनल वीडियो रिलीज की, जिसमें बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान वायुसेना के अदम्य साहस समेत वायुसेना की ताकतों का जिक्र किया गया । बाद में प्रेस कांफ्रेंस में भदौरिया ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा – ”आतंकी पोषित देश ने यदि फिर किसी आतंकी हमले को अंजाम दिया तो भारत फिर से एयरस्ट्राइक करने से पीछे नहीं हटेगा। सरकार के आदेश के बाद हम कार्रवाई करेंगे।”
वायुसेना के प्रमोशनल वीडियो के बारे में उन्होंने कहा – ”भारतीय वायुसेना अब बहुत कम समय में किसी भी बड़े हमले की जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम है। हमारे पास भी आधुनिक से आधुनिक हथियार और क्षमता है। वायु सेना छोटे नोटिस में युद्ध लड़ने के लिए तैयार है।
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि २७ फरवरी को पाकिस्तान के हवाई हमले के बाद हुई लड़ाई में भारतीय वायु सेना ने एक मिग-२१ और पाकिस्तान ने एक एफ-१६ खो दिया था।
इस मौके पर भदौरिया ने कहा कि राफेल और एस-४०० एयर डिफेंस मिसाइल भारतीय वायु सेना की क्षमता को और बढ़ा देंगे। पाकिस्तान के भारतीय सीमा में हथियार छोड़ने के लिए ड्रोन का प्रयोग किए जा रहे हैं सवाल पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि छोटे ड्रोन एक नया खतरा हैं और इस मुद्दे से निपटने के लिए कुछ खरीद पहले से ही प्रक्रिया में हैं। ”यह क्षेत्र उल्लंघन का मुद्दा है और इस पहलू पर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है”।