उत्तराखंड वासी देश और समाज की खातिर अपने प्राणों की आहुति देना अपने जीवन काल का सर्वोच्च यज्ञ मानता है। पड़ोसी देश पाक की नापाक हरकतों से देवभूमि वासी $गम और गुस्से में हैं। पुलवामा हादसे और दो होनहार अफसरों की शहादतों ने पूरे उत्तराखंड में उबाल ला दिया। ‘खून का बदला खून’ और ‘पाकिस्तान हो बर्बाद हो बर्बाद’ के नारों से गूंज रहा आसमान 26 फरवरी को तब शांत हुआ जब पाक सीमा पर जैश के आतंकी ठिकानों को भारतीय वायु सेना के जांबाजों ने शमशान में तब्दील कर दिया। 350 से ज्यादा जैश-ए-मोहम्मद के खूंखार आंतकवादी इस एयर स्ट्राइक में ढेर हो गए।
14 फरवरी 2019 को जब पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हुए। अभी इन जवानों की चिता ठंडी भी नहीं ही हुई थी कि देहरादून के मेजर चित्रेश बिष्ट और मेजर विभूति शंकर ढोंडियाल की शहादतों ने फिर से एक बार देशवासियों को झकझोर कर रख दिया। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के एएसआई मोहनलाल रतूड़ी और वीरेंद्र सिंह राणा भी शहीद हुए।
उत्तराखंड पुलिस के एक कर्तव्यनिष्ठ सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर एस एस बिष्ट के बेटे मेजर चित्रेश बिष्ट के पुलवामा हमले के दो दिन बाद शहीद होने की खबर आई तो पूरा राज्य शोक में डूब गया। 16 फरवरी को मेजर बिष्ट जम्मू सेक्टर में एक आईईडी डिफ्यूज करते समय हुए धमाके में शहीद हो गए। पिता के लिए इस सदमे को सहन कर पाना असंभव है, हालांकि उन्होंने 26 फरवरी की सर्जिकल स्ट्राइक के लिए भारतीय वायु सेना को बधाई दी है। बेटे की कमी ताउम्र पूरी नहीं हो सकती बेशक पूरे सैन्य सम्मान के साथ मेजर चित्रेश की अंतिम यात्रा में उमड़े हजारों की तादात में शोकाकुल शहर वासियों ने यह संदेश दे दिया कि शहीद चित्रेश बिष्ट अमर हो गए हैं।
एयर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एक टीवी चैनल पर चर्चा के लिए बुलाए गए शहीद मेजर चित्रेश के पिता ने सरकार और वायु सेना को बधाई देते हुए कहा कि आतंकवाद के खात्मे के लिए सैन्य बलों को नियमित रूप से ऐसे ऑपरेशन जारी रखने चाहिए। अभी मेजर चित्रेश की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि देहरादून के ही एक और होनहार अफसर मेजर विभूति शंकर ढोंढियाल के शहीद होने की खबर ने दून घाटी में एक बार फिर से उबाल ला दिया। मेजर विभूति का 10 माह पूर्व विवाह हुआ था। पति की शहादत के बाद उनकी पत्नी निकिता के अदम्य साहस को देखकर सब चकित थे।
मेजर विभूति की अंतिम यात्रा शुरू होने से पूर्व पत्नी निकिता ने शहीद पति का माथा चूमा और वहां उपस्थित लोगों से अनुरोध किया कि उनकी मौत पर सहानुभूति न जताएं बल्कि उनकी कुर्बानी जिम्मेदारी और देश के प्रति एहसास को समझें। शहीद पति की अर्थी के पास खड़े होकर निकिता ने आखिरी सैल्यूट करने से पूर्व जो हृदयस्पर्शी मार्मिकतापूर्ण अपनी भावनाएं प्रकट की उसने वहां एकत्र हर छोटे बड़े को रुला कर रख दिया। 19 फरवरी को शहीद मेजर विभूति शंकर ढोंडियाल की अंतिम यात्रा में भी हज़ारों की तादाद में लोगों ने बारिश होने के बावजूद शिरकत की। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कैबिनेट मंत्रियों, सेना और पुलिस के अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी।
आंतकवाद का पोषण करने वाले पाकिस्तान के खिलाफ अभी देशवासियों का गुस्सा बरकरार ही था कि शुक्रवार 22 फरवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने सहारनपुर के देवबंद इलाके से जैश के दो आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया। आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय सदस्यों के रूप में गिरफ्तार किए इन आतंकवादियों की पहचान शहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक के रूप में हुई। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि यह दोनों आतंकी एक हॉस्टल में छात्र बनकर रह रहे थे। उनके फोन से ऐसे वीडियो, फोटो और जेहादी चैट मिले हैं जिससे यह बात पुख्ता हो गई कि यह दोनों आतंकी इस इलाके में युवाओं को आतंकवादी बनाने के लिए प्रेरित करने के अभियान में लगे हुए थे। पुलिस ने उनके पास से 32 बोर की पिस्टल कारतूस भी बरामद किए हैं। गिरफ्तार दोनों आतंकियों से पूछताछ में एक सनसनी पूर्ण खुलासा यह भी हुआ कि पुलवामा हमले की इनको पहले से जानकारी थी। देश की सीमाओं पर शहादतों, प्रदर्शनों और गुस्से के माहौल के बीच एक और दुर्भाग्यपूर्ण मामला यह हुआ कि यहां पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्र छात्राओं में अचानक पैदा हुई असुरक्षा की भावना के कारण 100 से अधिक छात्राओं को पढ़ाई छोडक़र वापिस अपने राज्य को पलायन करना पड़ा। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी के सांसद $फैयाज़ अहमद मीर चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल लेकर देहरादून पहुंचे। कई हिंदूवादी संगठनों ने शिक्षण संस्थाओं के बाहर प्रदर्शन किए जहां कश्मीरी छात्र छात्राएं पढ़ रहे थे। हालांकि अभद्र टिप्पणी करने वाले एक छात्र को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और दूसरे को निलंबित कर दिया गया। लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर पीडीपी सांसद कश्मीरी छात्रों को दो बसों में सुरक्षा की दृष्टि से अपने साथ कश्मीर ले गए। उधर इसी अफरातफरी के माहौल के बीच दिल्ली की जवाहरलाल यूनिवर्सिटी छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष शहला राशिद के एक ट्वीट के खिलाफ यहां पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अशोक कुमार ने हालांकि आश्वस्त किया कि देश के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा करना पुलिस की जिम्मेदारी है। प्रदेश भर में सुरक्षा का माहौल है।