भाजपा की अमेठी से उम्मीदवार स्मृति ईरानी भले राहुल गांधी के अमेठी में आने को लेकर उन्हें ”लापता राहुल” कह रही हों, एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच साल में राहुल गांधी अमेठी में स्मृति ईरानी के मुकाबले १४ बार ज्यादा गए हैं। यह उन दावों के विपरीत है जिसमें स्मृति राहुल पर अमेठी को वक्त नहीं देने का आरोप लगाती हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने को लेकर भी स्मृति अमेठी से उनके पलायन की संज्ञा दे रही हैं। गुरूवार को जब राहुल वायनाड से नामांकन भर रहे थे, स्मृति अमेठी में राहुल को ”लापता राहुल” और ”अमेठी से भाग गए राहुल” जैसे संज्ञाएं दे रही थीं।
हालाँकि, भाजपा और कांग्रेस के खेमों से जानकारी जुटाकर ”इंडिया टुडे” ने जानकारी हासिल की उसके मुताबिक स्मृति ईरानी ने पिछले पांच साल में २१ बार अमेठी का दौरा किया जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी दौरान अमेठी का ३५ बार दौरा किया। स्मृति ईरानी पिछले ५ साल में २६ दिन अमेठी में रहीं और १०६ राजनीतिक कार्यक्रम उन्होंने किये।
स्मृति और उनके समर्थकों का दावा है कि राहुल गांधी उनसे ”डरकर” वायनाड ”भाग” गए हैं। गुरूवार को अमेठी आईं स्मृति ने इस वाक्या को दोहराया। गौरतलब है कि २०१४ के लोक सभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने अमेठी में अपनी मौजूदगी का अहसास तो कराया था लेकिन मोदी की सुनामी के बावजूद वे एक लाख से ज्यादा वोटों से हार गयी थीं। हालांकि हार के बावजूद और इस इलाके से न होने के वाबजूद वे अमेठी जाती रही हैं।
अब सवाल उठता है कि अमेठी के वोटर्स का किसने कितना ख्याल रखा, कौन कितनी बार क्षेत्र में आया और वोटर्स से मुलाकात की। ”इंडिया टुडे” टीवी के मुताबिक, बीते पांच साल में राहुल गांधी स्मृति ईरानी के मुकाबले १४ बार अधिक अमेठी गए। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि स्मृति ने अप्रैल २०१५ से मार्च २०१९ के बीच २०१९ का उल्लेख करते हुए २०२ ट्वीट किए, जबकि राहुल ने केवल २८ ट्वीट किए। साल २०१९ के चुनावी साल में स्मृति ईरानी ने अमेठी को लेकर ३९ ट्वीट पोस्ट किए हैं, जबकि राहुल गांधी ने अमेठी का सिर्फ एक बार उल्लेख किया।