मायावती ने बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक जय प्रकाश सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया है। जय प्रकाश ने पिछले कल ही कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर आपत्तिजनक ब्यान दिया था।
मायावती ने बाकायदा खुद जय प्रकाश को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है जिससे जाहिर होता है कि २०१९ के लोक सभा के दृष्टिगत वो विपक्षी एकता को किसी की तरह को चोट पहुँचाने से बचना चाहती हैं।
यही नहीं मायावती ने बसपा के नेताओं को सख्त हिदायत दी है कि उत्तर प्रदेश या देश के किसी भी राज्य में गठबंधन को लेकर कोई भी बयानबाजी न करें और इस मसले को पार्टी आलाकमान पर छोड़ दें। कर्नाटक चुनाव के बाद जिस तरह मुख्यमंत्री के शपथ समारोह में सोनिया गांघी ने मायावती को सम्मान दिया था उससे आने वाले तीन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-बसपा में तालमेल की सम्भावना दिखी है। अब मायावती का अपने नेता को गांधियों के खिलाफ बोलने पर बिना डेरी पार्टी से बाहर करने का फरमान जाहिर करता है कि मायावती किसी सूरत गांधी परिवार या कांग्रेस के खिलाफ नहीं सुनना चाहतीं।
मंगलवार को मायावती ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि सोमवार को लखनऊ में हुए एक कार्यकर्ता सम्मेलन में जय प्रकाश सिंह ने पार्टी की विचारधारा के खिलाफ भाषण दिया और विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की। ”जयप्रकाश सिंह की यह व्यक्तिगत राय है और बसपा का इससे कोई लेना-देना नहीं”। मायावती ने ऐलान किया कि जय प्रकाश सिंह की टिप्पणी गंभीर बात है और उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जाता है।
गौरतलब है कि लखनऊ में आयोजित बसपा कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक सिंह ने राहुल गांधी पर टिप्प्णी की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि ”राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी विदेशी मूल की हैं, लिहाजा राहुल गांधी कभी भी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं”। उनका कहना था कि ”मौजूदा वक्त की मांग है कि मायावती देश की प्रधानमंत्री बनें”। सोमवार को जोनल स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय संयोजक समेत तमाम दिग्गज बसपा नेता मौजूद थे। इस मौके पर मायावती को गठबंधन के प्रधानमंत्री चेहरे के तौर पर पेश किए जाने का नारा उछाला गया। उधर बसपा के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष आरएस कुशवाहा ने कहा कि बसपा सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है लिहाजा कांग्रेस पर किसी तरह की बयानबाजी बर्दास्त नही की जा सकती।