कांग्रेस में हाल की हलचल के बाद अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन महत्वपूर्ण समितियों का गठन किया है। इन समितियों में उन सभी नेताओं को जगह दी गयी है जिन्होंने हाल में पार्टी नेतृत्व के मसले पर विरोधी सुर निकाले थे। दिलचस्प यह है कि सोनिया गांधी ने इनमें से एक भी समिति में राहुल गांधी या प्रियंका गांधी को शामिल नहीं किया है न ही इनमें कपिल सिब्बत को जगह मिली है जिन्होंने तीन दिन पहले बिहार के चुनाव के बाद नेतृत्व को लेकर टिप्पणी की थी।
जानकारी के मुताबिक तीन कमेटियों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जगहदी गयी है।
यह समितियां आर्थिक, विदेश और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों से संबंधित हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम तीनों समितियों में शामिल है। ‘बगावत’ वाला पात्र लिखने वाले गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और शशि थरूर जैसे नेताओं को भी इन समितियों में जगह दी गयी है। यह नेता कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग उठाते रहे हैं।
सोनिया गांधी ने आर्थिक मामलों की समिति में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और दिग्विजय सिंह को शामिल किया है जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर बनी कमेटी में राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद को शामिल किया गया है। विदेश मामलों की समिति में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद संयोजक बनाये गए हैं।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक ब्यान में बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष के गठित ये समितियां विदेश, राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक मामलों को लेकर नीतियों और मुद्दों पर विचार कर उन्हें सूचित करेंगी। आर्थिक मामलों की समिति में मनमोहन सिंह के अलावा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और दिग्विजय सिंह शामिल हैं। जयराम रमेश इस समिति के संयोजक होंगे।
विदेश मामलों की समिति में मनमोहन, वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, सांसद शशि थरूर और सप्तगिरी उलका शामिल हैं। पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद इस समिति में संयोजक बनाए गए हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी समिति में मनमोहन सिंह, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली और वैथिलिंगम शामिल हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री विंसेट पाला इस समिति के संयोजक होंगे।