कांग्रेस को मंगलवार को लोक सभा में जम्मू कश्मीर में धारा ३७० के दो खंड ख़त्म करने और राज्य के दो टुकड़े करने के बिल पर बहस के दौरान उस समय उपहास की स्थिति झेलनी पड़ी जब पार्टी के नेता अधिरंजन चौधरी ने यूएन का जिक्र कर दिया। वो पार्टी का पक्ष ठीक से नहीं रख सके और इसके लिए यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की फटकार उन्हें सुननी पड़ी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अनुच्छेद ३७० हटाए जाने पर कांग्रेस की ओर से पक्ष रख रहे चौधरी ने संयुक्त राष्ट्र की चर्चा कर पार्टी को मुसीबत में डाल दिया। बहस के बीच कांग्रेस का पक्ष रखते हुए चौधरी ने गृहमंत्री से सवाल किया कि यह क्षेत्र संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में है। अधीर के इतना कहते ही गृहमंत्री ने उनसे पूछना शुरू कर दिया कि क्या कांग्रेस चाहती है कि अभी भी इस मामले को संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से ही सुलझाना चाहिए। उनके इतना कहते ही सोनिया गांधी असहज दिखीं और उन्होंने पीछे बैठे अपने सदस्यों की तरफ घूमकर कुछ कहा।
पता चला है कि इस ब्यान पर पार्टी की किरकिरी से नाराज सोनिया गांधी ने अधीर रंजन को जमकर फटकार लगाई है। अधीर रंजन के कश्मीर पर बायन पर पहले तो सोनिया काफी असहज दिखी। लेकिन जब सदन में चौधरी के बयान पर बवाल बढ़ता देख तब सोनिया ने पीछे घूमकर अधीर पर कुछ हैरानी प्रकट की।
इसे पहले लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से अनुच्छेद ३७० पर संकल्प पेश किया जिसपर कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और द्रमुक के टीआर बालू ने कड़ा विरोध किया। बालू ने कहा कि ”यह अघोषित आपातकाल है।”
चौधरी ने संकल्प पेश किये जाने का विरोध करते हुए इंदिरा गांधी के समय हुए शिमला समझौते, अटल बिहारी वाजपेयी के समय हुई लाहौर घोषणा को लेकर भी सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद हैं। उन्होंने सवाल किया कि अमरनाथ यात्रा को क्यों बंद किया गया है? साथ ही दावा किया कि जम्मू- कश्मीर को जेलखाना बना दिया गया है।