बाज़ारवाद के इस दौर में लालची व्यापारियों द्वारा ग्राहकों की विश्वसनीयता को छला जा रहा है। उपभोक्ताओं इसलिए छले जाते हैं, क्योंकि वो ब्रांड पर भरोसा करते हैं। आजकल महँगी और ब्रांडेड चीज़ें लेने, खाने का फैशन है। बोतलबंद पानी के मामले में भी यही है। सफ़र में बोतलबंद पानी पीने का चलन बहुत है। यह लोगों की मजबूरी भी हो सकती है; लेकिन ज़्यादातर लोग बोतलबंद पानी पीने में अपनी शान समझते हैं। लेकिन ऐसे लोगों के शायद पता नहीं है कि पीने का क़ुदरती पानी ही सबसे अच्छा होता है।
भले ही बोतलबंद पानी आज बहुत ज़्यादा चलन में है; लेकिन डॉक्टरों ने इस पानी को कभी उतना अच्छा और फ़ायदेमंद नहीं माना, जितना कि हमारे शरीर को ज़रूरत होती है। दूसरा यह पानी प्लास्टिक की जिन बोतलों में पैक होकर आता है, उन बोतलों पर ही एक बार इस्तेमाल के बाद बोतलों को नष्ट करने का सन्देश लिखा होता है। इतना ही नहीं, पानी की बोतल पर एक्सपायरी डेट भी लिखी होती है। लेकिन उपभोक्ता इस डेट पर ध्यान नहीं देते और पानी की बोतल ख़रीदते ही गटागट पीने लगते हैं। बता दें कि पानी में अगर कुछ पड़ा न हो, तो वह कभी ख़राब नहीं होता। लेकिन जिस बोतल में पानी पैक होता है, वो बोतल बहुत दिन तक चलने लायक नहीं होती। ऐसे में अगर उस बोतल में ज़्यादा दिन तक पानी भरा रहता है, तो वो दूषित हो जाता है। अफ़सोस की बात है क इन बातों पर बहुत से लोग ध्यान नहीं देते और लम्बे समय से रखा हुआ बोतलबंद पानी तो पी ही लेते हैं, साथ ही पानी की प्लास्टिक की इन ख़तरनाक बोतलों का भी बार-बार इस्तेमाल करते रहते हैं। यह तो हुई सामान्य जानकारी की बात। लेकिन अगर कोई यह कहे कि ब्रांडेड पानी की बोतलों में शीलबंद पानी ही पीने के लायक नहीं है, तो क्या आप नहीं चौंकेंगे? लेकिन यह सच है।
जाँच में फेल निकला बोतलबंद पानी
हाल ही में एक चौंकाने वाली ऐसी ही ख़बर राजस्थान से सामने आयी है। वहाँ पर दो बड़ी और ब्रांडेड कम्पनियों ब्रिबेरी और अक्वो के पानी की 55,000 लीटर से ज़्यादा बोतलबंद पानी को सीज़ किया गया है। साथ ही अग्रिम आदेशों तक इन कम्पनियों के पानी की बिक्री पर रोक लगा दी है। यह कार्रवाई राजस्थान के खाद्य सुरक्षा कमिश्नर सुनील शर्मा के निर्देश पर प्रदेश में शुद्ध पेयजल के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत अजमेर में की गयी। सूत्रों की मानें, तो ब्रिबेरी की 24,000 लीटर पानी की की बोतलें व अक्वो की 32,000 बोतलों को सीज़ किया गया है। दरअसल कुछ दिन पहले जाँच के लिए इन दोनों ब्रांड के बोतलबंद पानी के सैंपल लिये गये थे। जाँच में पाया गया कि इनके बोतलबंद पानी में प्लास्टिक के टुकड़े मौज़ूद हैं। इसके बाद इन कम्पनियों का बोतलबंद पानी सीज किया गया।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
जनरल फिजिशियन डॉक्टर मनीष कहते हैं कि पानी अगर पीने योग्य न हो, तो उससे दर्ज़नों बीमारियाँ पैदा होती हैं। इन बीमारियों में नज़ला, सर्दी-जुकाम, खाँसी, पेट के रोग, ब्लड के रोग, बाल झडऩे की समस्या या पूरी तरह गंजापन, चर्म रोग आदि होते हैं। इन सबमें सबसे गम्भीर बीमारियाँ- डायरिया, हैजा, उलटी, दस्त, मलेरिया, फाइलेरिया आदि हैं। इसलिए पानी हमेशा शुद्ध ही पीना चाहिए।
जच्चा-बच्चा विशेषज्ञ डॉक्टर परेश कहते हैं गंदा और दूषित पानी बच्चों पर बहुत जल्दी दुष्प्रभाव डालता है। बच्चे बहुत नाज़ुक और सिंसेटिव होते हैं। इसलिए बच्चों को जब भी पानी पिलाएँ, तो सोच-समझकर ही पिलाएँ। वहीं गर्भवती माँओं को भी पानी गरम करके छानकर फिर नॉर्मल करके पीना चाहिए। क्योंकि गंदा और दूषित पानी पीने से न सिर्फ़ उन्हें, बल्कि उनके गर्भ में पल रहे शिशु को भी जन्म से पहले ही कई रोग लग सकते हैं, जिनका इलाज फिर बहुत मुश्किल होता है।