मणिपुर में शुक्रवार को हुई हिंसा में स्थिति में फिलहाल सुधार हुआ है और भारी सुरक्षाबलों की तैनाती के कारण हिंसा पर काबू भी पा लिया गया है, किंतु अभी भी राज्य में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को गुस्से में कर्इ इलाकों में स्कूलों, चर्चो, वाहनों व घरों सहित कई चीजों का नुकसान किया था।
बता दें, राज्य में यह अराजकता 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (टीएसयूएम) की एक रैली के हिंसक हो जाने के बाद हुई थी। इस रैली में 60 हजार से ज्यादा लोगों के शामिल होने का अनुमान है।
हिंसा को देखते हुए आरएएफ, सीआरपीएफ और बीएसएफ सहित अर्धसैनिक बलों की 14 कंपनियों को राज्य में तैनात किया गया है साथ ही भारतीय वायुसेना (आईएएफ) भी सक्रिय है।
भारतीय सेना ने शुक्रवार बयान जारी कर कहा कि उन्होंने लगभग 13 हजार नागरिकों को बचाया है जो सैन्य चौकियों या अन्य स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। चुराचंदपुर, कांगपोकपी, मोरेह और काकचिंग स्थिति अब नियंत्रण में है। गुरुवार रात से किसी भी बड़ी हिंसा की सूचना नहीं है। यह स्थिति तब है जब राज्यपाल ने राज्य गृह विभाग को गोली मारने के आदेश को मंजूरी दी। आगजनी और सड़क जाम की छिटपुट घटनाओं के अलावा इंफाल में लोग घरों में ही रहे।