पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया है कि देश का सैन्य प्रतिष्ठान (सेना) उनकी पार्टी को अगला चुनाव नहीं लड़ने देना चाहता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके वह (सेना) देश में एक कमजोर सरकार का रास्ता खोला चाहती है।
एक इंटरव्यू में खान ने कहा उनके समर्थकों की गिरफ्तारी सरकार और सेना के दबाव के चलते हुई है। उन्होंने कहा – ‘वे अक्टूबर के मध्य तक होने वाले मतदान से पहले मेरी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को ख़त्म कर देना चाहते हैं’।
पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने इस बात से साफ़ इंकार किया कि उनकी पार्टी पीटीआई और उनके समर्थक हाल में हुए हमलों के पीछे थे। उन्होंने सरकार पर इन घटनाओं को उनके (खान) खिलाफ इस्तेमाल करने का बहाना बनाने का आरोप लगाया और कहा कि यह सब सत्ता प्रतिष्ठान की इस भावना पर निर्भर है कि पीटीआई अब चुनाव नहीं जीत पाएगी। उन्हें जब इसका भरोसा हो जाएगा तो वे चुनाव की घोषणा कर देंगे।
इमरान खान ने सेना विरोधी अपनी बयानबाजी जारी रखी है। वे सीधे देश के सेनाध्यक्ष पर हमला कर रहे हैं। खान सेना पर उन्हें सत्ता से हटाने की योजना का हिस्सा होने का भी आरोप लगा रहे हैं। यही नहीं उनका उनकी हत्या की साजिश रचने के पीछे एक वरिष्ठ अधिकारी के होने का भी आरोप है। उधर, सेना कई बार इन आरोपों का खंडन कर चुकी है।