मुंबई – करोड़ों के लोन आसानी से दिलवाने के सब्जबाग दिखा कर लोगों को करोड़ों का चुना लगाने वाले हाई प्रोफाइल ठगों के गैंग के पांच बदमशों को मुंबई की कांदिवली क्राइम ब्रांच ने अरेस्ट किया है। इस गैंग के लोग अपने जाल में फंसे लोगों को अलग अलग बैंकों के फर्जी चेक और ड्राफ्ट दिया करते थे।क्राइम ब्रांच ने इनके पास से करोड़ों रुपए कीमत के 50 से ज्यादा ड्राफ्ट और चेक बरामद किए हैं।
इस गैंग की मोडस ऑपरेंडी ऐसी थी कि कोई भी इनके झांसे में आसानी से फंस जाता था।क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान ने बताया कि यह गैंग चुनिंदा कंपनी और लोगों को ही अपना निशाना बनाता था।गैंग के लोग पहले अपना टारगेट फिक्स करते थे फिर प्रचार के विभिन माध्यमों के जरिए यह इनफार्मेशन अपने ‘शिकार’ तक पहुंचते थे कि वे लोग आसानी से करोड़ों के लोन दिलवा सकतें हैं।
मुंबई की कई बड़ी कंपनियों,व्यापारियों और कॉर्पोरेट हाउस से जुड़े लोगों ने इनसे कॉन्टैक्ट किया और इन लोगों ने उन्हें बिना किसी दिक्कत के और बड़ी ही आसानी से लोन दिलवाने का पूरा प्लान भी समझा दिया। कुछ लोग इनके बने जाल में फंस भी गए।
ताकि किसी को इन पर शक न हो इसी लिए यह ठग अपने क्लाइंट से फाइव स्टार होटलों में मीटिंग करते थे। क्लाइंट से लोन दिलवाने की एवज में उनकी प्रॉपर्टी,फिक्स्ड डिपोसिट या इन्शुरन्स के कागजातों की ज़ेरॉक्स कॉपी ले लेते। अपने क्लाइंट से कहते कि जब भी रजिस्ट्रेशन के लिए आएं तब अपने कागजातों की ऑरिजिनल साथ लाएं ताकि रजिस्ट्रार को दिखा सकें और ऐसा करने से क्लाइंट का उन पर भरोसा बढ़ जाता था।
इसके अलावा यह लोग अपने क्लाइंट से रजिस्ट्रेशन के लिए कैश लाने के लिए
भी कहते।जब एक फिक्स्ड डेट को इनके जाल में फंसा क्लाइंट कैश लेकर रजिस्ट्रार ऑफिस पहुँचता यह लोग उनसे कैश ले लेते। कैश लेकर इनका आदमी रजिस्ट्रार ऑफिस के अंदर जाता और साहब से ‘सेटिंग’ करने के बाद लौटने की बात करता और फिर वो दूसरे दरवाजे से भाग जाता।
कांदिवली क्राइम ब्रांच के सीनियर इंस्पेक्टर चिमाजी अढाव को महा ठगों के इस गैंग की इनफार्मेशन मिली थी। जिसके बाद क्राइम ब्रांच हरकत में आयी और मुंबई के अलग अलग ठिकानों से शोएब कासम चांदीवाला,रविंद्र बाबूराव कामत,हिरेन किशोर बोगायता,विजय वीरेंद्र ग्रोवर और शफीक बाबूराव शेख उर्फ़ मामू को अरेस्ट कर लिया।
क्राइम ब्रांच ने इनके पास से 50 से ज्यादा डिमांड ड्राफ्ट और चेक बरामद किए हैं ,इनमें एक डिमांड ड्राफ्ट 9 करोड़ रुपए का है और बाकी के 1 करोड़ से लेकर 5 करोड़ के हैं। क्राइम ब्रांच ने इन ठगों से फर्जी आधार कार्ड – पैन कार्ड,रजिस्ट्रार ऑफिस के फर्जी स्टांप पेपर और कई नेशनलाइज़्ड और प्राइवेट बैंकों के स्टांप भी बरामद किए हैं।
ठगों से की गयी इन्वेस्टीगेशन के दौरान क्राइम ब्रांच को पता चला कि अपराध को अंजाम देने के बाद ठग उस शहर को तुरंत छोड़ देते थे और फिर दूसरे शहर में अपराध को अंजाम देते थे।डीसीपी पठान ने बताया कि इसी मोडस ऑपरेंडी से इन ठगों ने उत्तरप्रदेश के कई शहरों में भी करोड़ों रुपयों की ठगी की है।