सुशांत सिंह राजपूत मामले में मीडिया ट्रायल की बात मानते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को रिपोर्टिंग की मीडिया गाईडलाइंस जारी की हैं। मामले की सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा कि मीडिया ट्रायल से मामले पर प्रभाव पड़ता है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने आदेश में मीडिया से कहा कि पुलिस को दिया आरोपी का ब्यान न चलायें। इसके आलावा अदालत ने मीडिया से कहा कि ख़ुदकुशी केस में परिवार से बात न करें। साथ ही एविडेन्स एक्ट समझकर गवाहों के ब्यान न चलाएं।
अदालत ने कहा कि मीडिया ट्रायल से प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा अदालत ने आरोपी की तस्वीर न छापने/चलाने को कहा है। दायर की गयी याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट का यह आदेश आया है।
बता दें सुशांत सिंह राजपूत मामले में मीडिया के एक बड़े वर्ग की रिपोर्टिंग की काफी निंदा हुई है। जिस तरह से कुछ लोगों को बिना सबूत टारगेट किया गया और उन्हें कठघरे में खड़ा किया गया, उसे लेकर बहुत से सवाल उठे थे। खुद प्रभावितों ने इसे रिपोर्टिंग की जगह बदनाम करने का आरोप लगाया था। अपने आदेश में बॉम्बे हाई कोर्ट ने दो टीवी चैनलों का नाम भी लिया है लेकिन कहा कि फिलहाल अदालत उनपर कोई कार्रवाई नहीं कर रही।
मुम्बई पुलिस ने भी उस दौरान मीडिया ट्रायल की निंदा करते हुए उसे बदनाम करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने कहा कि जांच चल ही रही थी और मीडिया के एक वर्ग ने लोगों को अपने हिसाब से आरोपी बताना शुरू कर दिया था।
फिलहाल बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश आने और रिपोर्टिंग की गाइडलाइंस बनने से अब माना जा रहा है कि देश के अन्य हिस्सों और अन्य मामलों में मीडिया को संयम बरतना होगा और जिम्मेवारी से रिपोर्टिंग करनी होगी।