बॉलीवुड कलाकार सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की जांच सीबीआई से करवानी की मांग केंद्र सरकार ने स्वीकार कर ली है। बुधवार को केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर तुषार मेहता ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि केंद्र सरकार ने नैतिक तौर बिहार सरकार के इस मामले की जांच सीबीआई से करने के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद सर्वोच्च अदालत ने मामले की सुनवाई अगले हफ्ते तक के लिए टाल दी है और मुंबई पुलिस से जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
राजपूत की सहयोगी कलाकार और उनकी नजदीकी माने जाने वाली रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बिहार में दायर मामले की जांच को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की थी। उनके वकील श्याम दीवान का कहना है कि जब मुंबई पुलिस जांच कर रही है तो फिर वही जांच होनी चाहिए। पुलिस 56 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है।
उधर आज सर्वोच्च अदालत में सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि अब रिया की सुप्रीम कोर्ट में याचिका का कोई मतलब नहीं रह जाता। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीआई जांच की बिहार सरकार की सिफारिश को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। पटना में दर्ज केस को मुंबई स्थानांतरित करने के लिए अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई।
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने केस को ट्रांसफर किए जाने की मांग पर सभी पक्षों को तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा है। एक सप्ताह बाद फिर मामले की सुनवाई होगी। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि अभिनेता की मौत के मामले में सच्चाई सामने आनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके बावजूद कि मुंबई पुलिस की पेशेवर प्रतिष्ठा अच्छी है, बिहार पुलिस ऑफिसर को क्वारंटाइन करने से अच्छा संदेश नहीं गया है।
मामले में आज महाराष्ट्र सरकार ने पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस केस में एफआईआर दर्ज करना और जांच बिहार पुलिस के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। इसे राजनीतिक केस बना दिया गया है। वहीं, सुशांत के पिता ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस सबूतों को नष्ट कर रही है।