सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी पेरारीवलन को जमानत दे दी। सर्वोच्च अदालत ने साथ ही तमिलनाडु सरकार की सितंबर 2018 की रिहाई की सिफारिश पर फैसला न लेने को लेकर राज्यपाल पर सवाल उठाया है।
पेरारीवलन पिछले 32 साल से जेल में है। आज सुनवाई के दौरान रिहाई की सिफारिश पर सवाल उठाते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि क्या इस संबंध में राज्य के राज्यपाल का कोई विवेक है? राज्यपाल की तरफ से 2 साल 5 महीने बाद राष्ट्रपति को राज्य सरकार की सिफारिश भेजने की भी सर्वोच्च अदालत ने आलोचना की।
याद रहे पेरारीवलन को टाडा अदालत और सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। बाद में उसकी दया याचिका की सुनवाई में हुई देरी के चलते उसकी मौत की सजा को उम्र कैद में बदल दिया गया था। तमिलनाडु सरकार ने पेरारीवलन की उम्र कैद को भी खत्म कर रिहा करने के लिए प्रस्ताव पास किया था।
फिलहाल यह मामला राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास लंबित है। अब सर्वोच्च अदालत ने पेरारीवलन को जमानत दे दी है। इसका आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि जेल में रहते हुए उसके आचरण, शैक्षिक योग्यता और बीमारी के आधार पर जमात दी जा रही है।