सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को शाहीनबाग में चल रहे नागरिकता विरोधी क़ानून आंदोलन और इससे सड़क बंद होने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ताओं संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को प्रदर्शनकारियों से बातचीत का जिम्मा सौंपा है। कोर्ट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इससे समाधान निकलेगा।
इस मामले पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई जिसके बाद न्यायालय ने संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर कोई समाधान निकालने का जिम्मा सौंपा है। इससे पहले कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शन एक मौलिक अधिकार है लेकिन यह भी कुछ प्रतिबंधों के अधीन होता है।
कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शन के कारण लोगों को असुविधा हो तो इसे भी देखना होता है।
कोर्ट ने सवाल पूछा कि क्या पब्लिक रोड पर धरना दिया जा सकता है। हालाँकि साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि आजकी सुनवाई प्रदर्शन को लेकर नहीं है बल्कि इससे सड़क बंद होने से लोगों को हो रही असुविधा को लेकर है। कोर्ट ने कहा प्रदर्शन करना जनता का मौलिक अधिकार है। हालाँकि यह देखना होगा कि क्या सड़क के किनारे भी धरना हो सकता है जिससे कि आम लोगों को दिक्कत न हो और रास्ता बंद न हो।