लॉकडाउन के दौरान निजी कंपनियों और फैक्टरियों के कमर्चारियों को पूरा वेतन देने के सरकारी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि उद्योग और श्रमिक एक दूसरे पर निर्भर हैं, लिहाजा कोई बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार से इस मसले पर चार हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
कोर्ट का यह फैसला शुरू की ५४ दिन की अवधि में वेतन देने वाले मामले में आया है। जुलाई के आखिरी हफ्ते इस मामले में दोबारा सुनवाई होगी। अदालत ने यही भी कहा है कि विवाद नहीं सुलझा तो श्रम विभाग की मदद ली जानी चाहिए। किसी उद्योग पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
अदालत के इस फैसले से नियोक्ताओं, कारखानों और उद्योगों को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने आदेश दिया है कि ५० दिन में मसले का हल निकालने का प्रयास हो। कोर्ट ने कहा है कि नियोक्ता पर कठोर कार्रवाई न हो। गौरतलब है कि पिछली बार सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में कोर्ट का आदेश आने तक कर्मचारियों को पूरा वेतन देने में असमर्थ रहे कंपनी मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए।