सुप्रीम कोर्ट ने दल बदलकर सत्ता सुख हासिल करने वाले एक विधायक से मंत्री बने शख्स को न सिर्फ विधायक पद से बर्खास्त कर दिया है, बल्कि उसके विधानसभा में प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी है। दरअसल, यह मामला मणिपुर का है, जहां पर टी श्याम कुमार कांग्रेस से चुने गए थे और फिर दल बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद उनको वन मंत्री बनाया गया था।
जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और जस्टिस आएस रवींद्र भट ने संविधान के अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल करते हुए वन मंत्री टी श्याम कुमार पद से बर्खास्त कर दिया। साथ ही उनके विधानसभा में प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी है।
बता दें कि शीर्ष अदालत जनवरी में दिए अपने आदेश की खुली अवहेलना किये जाने के बाद यह सख्त फैसला सुनाया। कोर्ट आदेश की विधानसभा अध्यक्ष ने अनदेखी की, जिससे सुपीम कोर्ट खफा था। मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।
21 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष को आदेश दिया था कि वह विधायक की अयोग्यता पर चार हफ्ते में विचार करके फैसला ले। अगर ऐसा नहीं होता है तो याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं। कांग्रेस के दो विधायकों ने मंत्री को अयोग्य ठहराए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
कांग्रेस के विधायकों फजुर रहीम और केशम मेघचंद्र ने मांग की थी कि 10वीं अनुसूची के तहत मंत्री की अयोग्यता बनती है और उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म की जानी चाहिए। 21 जनवरी को शीर्ष अदालत ने विधानसभा स्पीकर को एक माह का समय दिया था, जिसमें उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया।