देश के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के सीधे प्रसारण के प्रस्ताव पर वह गंभीरता से विचार कर रहे हैं। सीजेआई रमण ने यह भी कहा कि कोई भी अंतिम कदम उठाने से पहले वह शीर्ष अदालत में अपने सभी सहकर्मियों के साथ इस पर विचार करना चाहेंगे।
अदालत की सुनवाई में पत्रकारों को वर्चुअल तरीके से शामिल होने की अनुमति देने संबंधी एप्लीकेशन (एप) के लॉन्च करने के दौरान सीजेआई ने ये राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि रिपोर्टिंग में मीडिया को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें पता चला है कि अदालती सुनवाई पर खबरें लिखने के लिए पत्रकारों को वकीलों पर निर्भर होना पड़ रहा है। सीजेआई ने ऐसी प्रक्रिया विकसित करने का अनुरोध किया गया था जिसकी मदद से मीडियाकर्मी सुनवाई में शामिल हो सकें।
जस्टिस रमण ने कहा कि मैं कुछ वक्त के लिए पत्रकार था। उस वक्त हमारे पास कार या बाइक नहीं थी। हम बस में यात्रा करते थे क्योंकि हमसे कहा गया था कि आयोजकों से परिवहन सुविधा नहीं लेनी है। मीडिया से एप का जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग करने और कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का अनुरोध करते हुए सीजेआई ने कहा कि तकनीक, विशेष रूप से नई तकनीक संवेदनशील है और उपयोग के शुरुआती दिनों में कुछ दिक्कतें भी आ सकती है।
उन्होंने कहा कि छोटी-मोटी दिक्कतेें आ सकती हैं, उनको ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत नहीं है। सभी से धैर्य रखने और तकनीकी टीम का साथ देने का आग्रह किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी लोग आधुनिक और तकनीकी प्रणाली को बेहतर बनने और सही से काम करने का वक्त देंगे। उन्होंने बताया कि आधिकारिक वेबसाइट पर अतिरिक्त फीचर और सुप्रीम कोर्ट का मोबाइल एप भी लॉन्च किया जा रहा है। इंडिकेटिव नोट्स नामक नया फीचर महत्वपूर्ण फैसलों का आसानी से समझने योग्य सारांश देगा।