सर्वोच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ आज (गुरुवार) 2022 के महाराष्ट् के राजनीतिक संकट पर फैसला सुनाएगी। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कुर्सी और उनकी सरकार का भविष्य इस फैसले पर निर्भर रहेगा। पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे सहित 39 विधायकों ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से बगावत कर दी थी, जिसके बाद राज्य में महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई थी।
सर्वोच्च अदालत आज यह फैसला देगी कि एकनाथ शिंदे और 15 अन्य विधायकों को पिछले साल जून में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने के लिए अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए या नहीं। विधायकों के इस दलबदल को अदालत में चुनौती दी गयी थी।
शिंदे ने भाजपा के साथ अपने दल के गठजोड़ वाली राज्य में सरकार बना ली थी। इस गठजोड़ के खिलाफ उद्धव ठाकरे ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। शिंदे और 39 विधायकों ने अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने से पार्टी विभाजित हो गई थी और राज्य में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई।
यदि आज सर्वोच्च अदालत का फैसला एकनाथ शिंदे को अयोग्य घोषित करने का आता है तो उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा और उनकी सरकार को भंग कर दिया जाएगा। और हक में आता है तो यह उद्धव ठाकरे के लिए झटके जैसा होगा।
इसका फैसला मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की पीठ करेगी। पीठ ने दोनों पक्षों की आठ याचिकाओं को क्लस्टर किया है। वरिष्ठ वकीलों कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में उद्धव ठाकरे की ओर से बहस की, जबकि हरीश साल्वे, नीरज कौल और महेश जेठमलानी ने एकनाथ शिंदे के खेमे का प्रतिनिधित्व सुप्रीम कोर्ट में किया।