सर्वोच्च न्यायालय ने राजधानी दिल्ली में करीब 140 किलोमीटर लंबी रेल पटरियों के आसपास की लगभग 48,000 झुग्गी-झोंपड़ियों को तीन महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया है। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया है कि अदालतें इसमें किसी तरह का ”स्टे” न दें।
जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने यह आदेश बुधवार को एमसी मेहता मामले में पारित किया है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि कोई भी अदालत इस मसले पर यदि अंतरिम आदेश (स्टे आदि) जारी करती है तो यह प्रभावी नहीं होगा। साल 2018 में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने इन झुग्गियों को लेकर चिंताएं जाहिर करते हुए एक फैसला दिया था।
इसके बाद सर्वोच्च अदालत में रेलवे ने बताया था कि दिल्ली-एनसीआर में 140 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के साथ झुग्गीवासियों का अतिक्रमण हैं जिसमें 70 किलोमीटर लाइन के साथ यह बहुत ज़्यादा है, जो कि क़रीब 48000 झुग्गियां है।
रेलवे ने कहा था कि एनजीटी ने अक्टूबर 2018 में आदेश दिया था जिसके तहत इन झुग्गी बस्ती को हटाने के लिए स्पेशल टास्क फ़ोर्स का गठन किया था लेकिन राजनैतिक दख़लंदाज़ी के चलते रेलवे लाइन के आसपास का यह अतिक्रमण हटाया नहीं जा सका है। रेलवे का कहना था कि बहुत से अतिक्रमण रेलवे के सुरक्षा ज़ोन तक में है जिन्हें बहुत चिंताजनक माना जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ये झुग्गी बस्ती हटाने के लिए चरणबद्ध तरीक़े से काम किया जाए और रेलवे सुरक्षा ज़ोन में सबसे पहले अतिक्रमण हटाया जाए, जो कि तीन महीने में पूरा कर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने ज़ोर देकर कहा है कि रेलवे लाइन के आसपास अतिक्रमण हटाने के काम में किसी भी तरह के राजनैतिक दबाव और दख़लंदाज़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राजधानी में रेलवे पटरी के किनारे अतिक्रमण एक बड़ी समस्या रहे है। झुग्गियों से न सिर्फ रेलवे की विकास योजनाएं बाधित हुई हैं, सुरक्षित रेल परिचालन में भी यह बड़ी समस्या है। यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक है। राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण समस्या दूर नहीं हो पा रही है।
दिल्ली में दया बस्ती, आजादपुर, ओखला, तिलक ब्रिज, वजीरपुर, शकूरबस्ती, किशनगंज, सराय रोहिल्ला में झुग्गियों को लेकर हालात ज्यादा खराब हैं। दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (डीयूएसआइबी) के अनुसार रेलवे की 60 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर अवैध तरीके से लगभग 48 हजार झुग्गियां बनी हुई हैं, जिनमें से दस हजार से ज्यादा सेफ्टी जोन में (ट्रैक से 15 मीटर के अंदर) हैं।