केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) में दो वरिष्ठ अधिकारी गंभीर आरोपों के साथ एक-दूसरे के सामने डट गए हैं। सीबीआई ने अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ १५ अक्टूबर को रिश्वत लेने का मामला दर्ज़ किया है। अस्थाना ने पलटवार करते हुए सरकार को चिट्ठी लिखकर सीबीआई के मुखिया पर ही रिश्वत लेने का आरोप लगा दिया है। सीबीआई में राकेश अस्थाना निदेशक आलोक वर्मा के बाद दूसरे नंबर के अधिकारी हैं।
सुबह सीबीआई की तरफ से जानकारी मिली थी कि स्पैशल डायरैक्टर राकेश अस्थाना पर मांस के व्यापारी से दो करोड़ रुपए रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया है। लेकिन अब अस्थाना ने अपने खिलाफ दायर एफआईआर दर्ज करने को गलत बताते हुए आरोप लगाया है कि रिश्वत तो एजेंसी के मुखिया आलोक वर्मा ने ली है। इसके लिए अस्थाना ने बाकायदा सरकार को एक पत्र लिखा है।
सीबीआई ने राकेश अस्थाना को मांस व्यापारी के मामले में नामजद करते हुए 2 करोड़ की राशि के दलाल मनोज कुमार को गिरफ्तार किया है। ख़ास बात यह है कि इसमें रॉ के अधिकारी और पंजाब पुलिस आईपीएस कैडर के अधिकारी सामंत गोयल का नाम भी सामने आ रहा है हालांकि उन्हें aarop में नामित नहीं किया गया है।
गिरफ्तार किए आरोपी मनोज कुमार ने अपने बयान में कई राज खोले हैं और आरोप लगाया है कि अस्थाना और मांस व्यापारी हवाला के कारोबारी हैं। यह आरोप सामने आने के कुछ ही घंटे के भीतर अस्थाना ने ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि सीबीआई चीफ ने मोइन कुरैशी के मामले में सतीश सना के खिलाफ चल रही जांच को असफल करने के बदले 2 करोड़ रुपए की रिश्वत ली है। लेकिन जब सतीश सना को देश को छोडऩे से मना कर दिया तो उसे जांच के दायरे में लाया गया तो उनके खिलाफ साजिश रची गई।
गौरतलब है कि एजेंसी ने अस्थाना के निदेशक के खिलाफ आरोपों से इंकार कर दिया था और जोर देकर कहा था कि विशेष निदेशक पर खुद आधे दर्जन मामलों की जांच चल रही थी और वे उनकी भूमिका की जांच कर रहे अधिकारियों को डराने की कोशिश कर रहे थे।