पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पुलिस कमिश्नर के घर रविवार शाम ३५ अफसरों की सीबीआई टीम के धावे पर राजनीति उफान पर है। वरिष्ठ वकील और कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता उच्च न्यायालय का आदेश बताते हुए सीबीआई के एक्शन को गलत ठहराया है।
सिंघवी के मुताबिक सारदा चित फण्ड घोटाले के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि अगर प्रदेश की पुलिस को सीबीआई की पूछताछ पर कोई आपत्ति है तो वह कलकत्ता हाई कोर्ट जा सकते हैं। सिंघवी ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद ही बंगाल पुलिस के अफसर कलकत्ता हाई कोर्ट पहुंचे, जहां से उन्हें आतंरिक सुरक्षा मिल गई।
वरिष्ठ वकील के मुताबिक कलकत्ता हाई कोर्ट का यह आदेश अभी तक चल रहा है। निजी चैनल आज तक को दिए इंटरव्यू में सिंघवी ने कहा कि अगर सीबीआई टीम को ऐसा करना था तो पहले कलकत्ता हाई कोर्ट से स्पष्टीकरण या संशोधित आदेश लेना था। ”लेकिन सीबीआई ने ऐसा नहीं किया।”
सिंघवी ने दावा किया कि सीबीआई का यह एक्शन न सिर्फ गलत है, बल्कि कोर्ट की अवमानना भी है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि खुद राजीव कुमार इस मसले पर हाई कोर्ट नहीं पहुंचे थे, लेकिन उनके साथ काम करने वाले अफसरों ने हाई कोर्ट में अपील की थी। सिंघवी ने यह भी बताया कि राजीव कुमार कोई आरोपी या अभियुक्त नहीं हैं, उन्हें सिर्फ गवाह के तौर पर नोटिस गया है।
इससे पहले सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने कहा था कि कुमार को कई बार सूचित किया गया था लेकिन वे मामले में सहयोग नहीं कर रहे थे।