अमेरिका में हुए मध्यावधि चुनाव में एक मोर्चे (हाउस ऑफ रिप्रिजेंटेटिव) पर हार मिलने के बावजूद सीनेट में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीद के मुताबिक बहुमत सलामत रहा है। उच्च सदन (सीनेट) में बहुमत बनाये रखने के बावजूद ट्रम्प की पार्टी का कांग्रेस.(संसद) में एकाधिकार नहीं रह पाया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्यावधि चुनाव में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रिजेंटेटिव) में बहुमत हासिल कर लिया है। उसे इस चुनाव में दो दर्ज़न से ज्यादा सीटों का फायदा हुआ है। हालांकि ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने १०० सीटों वाली सीनेट में बहुमत बरकरार रखा है। ट्रम्प ने इसे अपनी नीतियों को जनता का समर्थन बताया है।
गौरतलब है कि अमेरिकी में राष्ट्रपति के चार साल के कार्यकाल के मध्य अर्थात दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर मध्यावधि चुनाव करवाने का चलन है। ये चुनाव अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन (हाउस ऑफ़ रिप्रेंज़ेटेटिव्स) की ४३५ सीटों के लिए करवाए जाते हैं जबकि सौ सदस्यों वाले उच्च सदन (सीनेट) के एक तिहाई सदस्य इस चुनाव से चुने जाते हैं।
डेमोक्रेट्रिक पार्टी ने हालांकि सत्ता में रिपब्लिकन पार्टी का एकाधिकार तोड़ दिया है। उसने पिछले आठ साल में पहली बार ४३५ सदस्यों वाले इस सदन में बहुमत हासिल किया है। हाउस ऑफ रिप्रिजेंटेटिव में चुनाव से पहले तक रिपब्लिकन पार्टी के पास २३५ और डेमोक्रेट्स के पास १९३ सीटें थीं।
अमेरिका की राजनीति पर पकड़ रखने वालों का मानना है की सीनेट में ट्रम्प की जीत के बावजूद अगले (२०२०) के राष्ट्रपति चुनाव में दोनों पार्टियों में तगड़ा मुकाबला हो सकता है। उससे पहले के समय में उन्हें अपने मत्वाकांक्षी कानूनों को हाउस ऑफ़ रिप्रेंज़ेटेटिव्स में पास करवाना आसान नहीं रहेगा। कुल मिलकर ये चुनाव ट्रम्प की पार्टी के लिए एक तरह से कुछ संकेत लिए आये हैं जिनपर काम करके उन्हेँ अपनी स्थिति में और सुधार करना होगा।