कोरोना काल में हेल्थ सिस्टम में इस कदर लूट खसोट बढ़ी है कि मरीजों का हाल बे- हाल है। अस्पतालों में आँक्सीजन की कमी और बैडो के ना होने से अब मरीजों को डाक्टर्स टरका कर कह रहे है कि कोरोना की जांच करवा कर आओं और सीटी स्कैन करवाओं तब जाकर देखेंगे। ऐसे में कोरोना की जांच के साथ-साथ सीटी स्कैन के नाम पर मरीजों से औने-पौने दाम वसूलें जा रहे है।
जबकि कई मरीजों को सीटी स्कैन तक की जरूरत तक नहीं है। सीटी स्कैन कराने गये रोगियों ने तहलका संवाददाता को बताया कि माना कि कोरोना में सीटी स्कैन भी जरूरी है। लेकिन जिनको नहीं है। फिर भी सीटी स्कैन कराने को वोला जा रहा है। जिसके चलते गरीबो की जैब पर असर ही नहीं पड़ रहा है। मानसिक विशाद का कारण भी बन रहा है। सीटी स्कैन के नाम पर निजी अस्पताल वालें अपने- अपने तरीके से मरीजों से औने-पौने दाम वसूल रहे है।
मरीज निर्मला देवी ने बताया कि डाक्टर्स के साथ- साथ सरकारी अफसर भी इस खेल में शामिल है। क्योंकि अस्पतालों में बैड नहीं होने पर मरीजों को फंसायें रखने के लिये कोरोना की जांच और सीटी स्कैन कराने को कहते है। ताकि एक –दो दिन मरीज अस्पताल के लपेटे में रखते है और उसकी जेब खाली होती रही है। इस बारे में कांग्रेस के नेता राम रतन ने कहा कि सरकार सही मायने में अपनी जिम्म्दारी नहीं निभा रही है। जिसके कारण देश में कोरोना को लेकर हाहाकार है।गरीब रोगी भटक रहा है। इलाज तक नहीं मिल पा रहा है।