सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख (डीजीपी) को आज (शुक्रवार) तलब किया है। प्रधान न्यायाधीश की इन अधिकारियों के साथ यह बैठक आयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के इंतजार के बीच हो रही है। दोनों अधिकारी इस समय सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गए हैं।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में भी सरकार की तरफ से फैसले से पहले अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किये जा रहे हैं। वहां सुरक्षा दस्तों को किसी भी अप्रयाशित हालत से निपटने की ट्रेनिंग दी जा रही है। सर्वोच्च अदालत का इस मामले में फैसला १३-१५ नवम्बर के बीच आने की संभावना जताई जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के तालाब करने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह सर्वोच्च न्यायालय पहुँच चुके हैं। उनकी प्रधान न्यायाधीश से बैठक कुछ देर बाद हो सकती है। ऐसी सम्भावना है कि प्रधान न्यायाधीश दोनों के साथ बैठक में राज्य की कानून व्यवस्था का जायजा लेंगे। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले मामले में फैसला सुनाने से पहले सुनिश्चित करना चाहता है कि राज्य में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम पुख्ता हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहके केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद दिख रहे हैं। पंच कोसी परिक्रमा को लेकर अलग व्यवस्था की गई है। साथ ही ड्रोन से अयोध्या शहर की निगरानी की जा रही है।
अयोध्या के फैसले को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी भेजी है। सभी राज्यों को फैसले को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही अतिरिक्त सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों की ४० कंपनियाँ भेजी हैं। इन ४० कंपनियों में ४००० पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान शामिल हैं।