बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में एक सीबीआई अदालत का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार के दो बड़े अफसरों के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
स्पेशल पॉक्सो एक्ट अदालत ने एक चिकित्सक अश्विनी की तरफ से दायर किए एक आवेदन पर जांच के आदेश दिए हैं। पॉक्सो न्यायाधीश मनोज कुमार ने सीबीआई से मुख्यमंत्री के अलावा उन अधिकारीयों के खिलाफ जांच को कहा है जिनका नाम याचिका (आवेदन) में शामिल है।
गौरतलब है कि अश्विनी शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों को नशीली दवाइयों का इंजेक्शन लगाकर उनका सेक्शुअली इस्तेमाल करता था। अश्विनी ने कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा था कि इस मामले की जांच में सीबीआई सबूतों के साथ खिलवाड़ कर रही है। इसके साथ ही इस याचिका में उसने मुजफ्फरपुर के पूर्व डीएम धर्मेंद्र सिंह, वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर अतुल कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर के पूर्व डिवीजनल कमिश्नर, सामाजिक कल्याण विभाग के वर्तमान सचिव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम का भी जिक्र किया था।
अब अदालत ने इन सभी के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। बिहार के इस चर्चित मामले की जांच का जिम्मा सुप्रीम कोर्ट ने ७ फरवरी को दिल्ली के साकेत स्थित पॉक्सो कोर्ट को दिया था। साल २०१८ में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम सेक्स स्कैंडल का मामला पूरे देश में बेहद चर्चा में रहा था। इस आश्रय गृह में ३० से अधिक लड़कियों के साथ कथित रुप से दुष्कर्म किया गया था।
इस मामले में सुसती बरतने पर सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि राज्य सरकार मामले में सही एफआईआर फाइल करने में असफल रही।