महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने आज एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में फिल्म इंडस्ट्री को दिलासा देते हुए कहा कि यदि उचित गाइडलाइंस का पालन करते हुए फिल्मों की शूटिंग एवं पोस्ट-प्रोडक्शन को अंजाम देने के लिए ब्लूप्रिंट तैयार कर सौंपा जाएगा तो महाराष्ट्र सरकार करोना के खिलाफ लड़ाई में फिल्म इंडस्ट्री को सहयोग करने के लिए तैयार है। इस मीटिंग में चित्रपट महामंडल और मराठी फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने चेहरे शामिल थे।
मराठी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े नितिन वैद्य बताया कि लॉक डाउन के दौरान कोरोना के कारण 110 सीरियल, 70 हिंदी, 40 मराठी और 10 ओटीटी की शूटिंग रोक दी गई है। कोरोना के कारण तीन लाख मजदूर और तकनीशियन प्रभावित हुए हैं। हर साल 30,000 एपिसोड का तैयार किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी सीरियल में पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश और मराठी में 250 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। प्रोड्यूसर को असुरक्षित ऋण के साथ-साथ कम ब्याज ऋण, सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों को बचाने, गरीब संगीतकारों की मदद करने, मराठी फिल्मों को सब्सिडी देने, फिल्म निर्माण पर जीएसटी माफ करने, सांगली-कोल्हापुर में शूटिंग की अनुमति देने की मांग की गई।
इससे पहले फैडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एमप्लॉइज ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से मुंबई फिल्म इंडस्ट्री का काम शुरु करने की गुज़ारिश चुकी है।
सीएम को भेजे गए एक पत्र में फिल्म इंडस्ट्री के पोस्ट-प्रोडक्शन कार्य को शुरु करने की इजाजत देने की मांग की है। पत्र कहता है , ‘अगर पोस्ट-प्रोडक्शन जैसे कामों के लिए अनुमति मिल जाती है तो कम से कम वर्कफ्रोस के साथ बंद स्टूडियो में काम किया जा सकता है और इससे बहुत राहत मिलेगी। लॉकडाउन खत्म होने के तुरंत बाद निर्माता अपने प्रोजेक्ट्स रिलीज करने को लिए तैयार रहेंगे।’
साथ ही फेडरेशन ने पत्र में आश्वासन देते हुए लिखा है कि फेडरेशन सरकार को यह भरोसा दिलाती है कि इस काम के दौरान सरकार स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित जो भी गाइडलाइन तय करेगी उनका कार्य स्थलों पर पूरी तरह से पालन होगा।
एफडब्लूआइसीई के चीफ एडवाइजर अशोक पंडित के अनुसार हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और टीवी शो से जुड़े 32 क्राफ्ट संस्थाओं की मदर बॉडी फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज के तहत तकरीबन पांच लाख दिहाड़ी मजदूर व तकनीशियन काम करते हैं। इन पांंच लाख सदस्यों की ओर से चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा गया है और सभी ने इस मुद्दे पर जल्द से जल्द फैसला लेने की अपील की है।
फेडरेशन के मुताबिक देश में अकस्मात हुए लॉकडाउन की वजह से मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री को भारी नुकसान से गुजरना पड़ रहा है। सभी फिल्मों और टीवी की शूटिंग रुकी हुई है जबकि कुछ फिल्में ऐसी हैं जिनकी शूटिंग पूरी हो चुकी है लेकिन सिर्फ पोस्ट प्रोडक्शन का काम जैसे; एडिटिंग, म्यूजिक रिकॉर्डिंग, साउंड रिकॉर्डिंग, आदि ही बाकी हैं। यह कुछ ऐसे काम है जिनको थोड़े से ही कर्मचारी एक बंद स्टूडियो में अंजाम दे सकते हैं।
एफडब्लूआइसीई के प्रेजिडेंट बीएन तिवारी के अनुसार जिन फिल्म निर्माताओं ने फिल्मों में एक बड़ी रकम लगाई है उनके लिए यह पोस्ट प्रोडक्शन का काम हो जाना ही एक बड़ी राहत होगी। जिस प्रोड्यूसर के प्रोजेक्ट अटके हुए हैं और उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। इसके अलावा दिहाड़ी मजदूरों और जूनियर आर्टिस्ट के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। तिवारी कहते हैं, ‘हमें में उम्मीद है कि चीफ मिनिस्टर को हमारी इस मांग पर कोई आपत्ति नहीं होगी। मई के अंत तक हमें यह इजाजत मिल जाये, तो बेहतर होगा। हमें चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे के जवाब का इंतजार रहेगा।’