महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद के सदस्य के तौर पर शपथ ली। चीफ मिनिस्टर उद्धव साथ अपोजिशन पार्टी के आठ अन्य कैंडिडेट ने भी एम एल सी विधान परिषद की सदस्यता की शपथ ली। निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये सभी कैंडिडेट विधान परिषद की उन नौ सीटों के लिए थे जो 24 अप्रैल 2020 को खाली हुई थीं।
सीएम उद्धव ठाकरे के साथ साथ विधान परिषद की उपसभापति के तौर पर शिवसेना की नीलम गोरे नेे शपथ ली । बीजेपी के रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दटके और रमेश कराड, एनसीपी के शशिकांत शिंदे, अमोल मितकरी और कांग्रेस के राजेश राठौड़ ने भी शपथ ली।
नौ कैंडिडेट का कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली हुई सीटों को भरने के लिए चार मई को चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई थी। हालांकि कोरोना वायरस महामारी के चलते शुरूूआत में चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी। महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने इलेक्शन कमिशन को पत्र लिखकर विधान परिषद के चुनाव कराने का अनुरोध किया था ताकि उद्धव ठाकरे सीएम बनने के छह माह के भीतर विधायिका में निर्वाचित हो संवैधानिक प्रावधान को पूरा कर सकें। राज्य मंत्रिमंडल ने शुरुआत में सिफारिश की थी कि गवर्नर अपने कोटे से ठाकरे को विधान परिषद में मनोनीत करें। राज्य मंत्रिमंडल के दो दफा सिफारिश के बावजूद गवर्नर द्वारा उद्धव ठाकरे को विधान मंडल के उच्च सदन में मनोनीत नहीं किए जाने के चलते गवर्नर कोश्यारी को सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास आघाडी के आलोचना का शिकार भी बनाना पड़ा था। गौरतलब है कि सीएम ठाकरे ने इस मामले में हस्तक्षेप के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से भी गुज़ारिश की थी।