पीएम मोदी ने गुरूवार को लोक सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि सीएए से देश में न तो किसी अल्पसंख्यक वर्ग और न किसी भी अन्य देशवासी की नागरिकता प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि सीएए से किसी भारतीय पर असर नहीं होगा।
राज्यों में सीएए के खिलाफ प्रस्तावों पर मोदी ने कहा कि जो रास्ता कांग्रेस (विपक्ष) ने अपनाया है वो देश के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि यदि राजस्थान या मध्यप्रदेश में विधानसभा कोइ क़ानून लाती है और प्रदेश में इसे कोइ न माने और इसके खिलाफ नारे-जुलूस निकाले तो क्या होगा। पीएम ने कांग्रेस से कहा कि ”जो आप कर रहे हैं उससे देश के लिए खतरा पैदा होगा। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे”।
पीएम ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि सीएए लाने की क्या जल्दी थी, कुछ लोगों ने कहा कि हम हिन्दु-मुस्लिम कर रहे हैं। हम लोगों को बांटना चाहते हैं। पीएम ने कहा – ”जो लोग ऐसा कह रहे हैं वो टुकड़े-टुकड़े समुदाय के लोगों के साथ हैं। उनके साथ फोटो खिंचवा रहे हैं।”
मोदी ने कहा कि ऐसी भाषा पाकिस्तान की है। ”इन लोगों ने देश के मुसलमानों को भ्रमित करने की कोशिश की है, लेकिन अब इनका बयान काम नहीं करता है।” पीएम ने कहा कि कांग्रेस के लिए जो लोग मुस्लिम हैं वो हमारे लिए हिन्दुस्तानी हैं। ”हमें याद दिलाया जा रहा है कि क्विट इंडिया और जय हिंद का नारा देने वाले हमारे मुस्लिम ही थे। दिक्कत यही है कि कांग्रेस की नजर में ये लोग हमेशा ही सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम थे लेकिन हमारे लिए, हमारी नजर में वो भारतीय हैं, हिंदुस्तानी हैं।”
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद ३७० हटाने पर पीएम मोदी ने कहा कि पहले कश्मीर की पहचान बम, बंदूक और आतंकवाद बना कर रख दी गई थी। उन्होंने कहा कि ”१९९० में ही कश्मीर की पहचान को दफना दिया गया था। जब वहां से कश्मीरी पंडितों को भागना करना पड़ा था।” पीएम ने कहा कि कश्मीर की पहचान सूफीवाद थी। कांग्रेस सदस्य शशि थरूर पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि ”आप तो कश्मीर के आप दामाद रहे हो, आपको तो वहां की बेटियों के बारे में सोचना चाहिए था।”
पीएम ने कहा कि कुछ लोग कहते थे कि ३७० हटाने के बाद आग लग जाएगी। कितने बड़े भविष्यवत्ता थे वे। मोदी ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के बयान का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा कि महबूबा मुफ्तीजी ने कहा था कि ”भारत ने कश्मीर के साथ धोखा किया है। हमने जिस देश के साथ रहने का फैसला किया था, उसने हमें धोखा दिया है। ऐसा लगता है कि हमने १९४७ में गलत चुनाव कर लिया था। ऐसे लोग देश के चिंतक हो सकते हैं क्या।”
मोदी ने शाहीन बाग का अप्रत्यक्ष जिक्र करते हुए कहा कि इस प्रदर्शन को किसका समर्थन हासिल है ये उन्हें पता है। मोदी ने एक शायर का जिक्र करते हुए कहा कि ”ख़ूब पर्दा है, कि चिलमन से लगे बैठे हैं, साफ़ छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं!!”
संविधान के जिक्र पर मोदी ने कहा कि ”संविधान के नाम पर क्या हो रहा है हम देख रहे हैं। ”संविधान बचाओ का जिक्र करने वाले लोगों से पूछना चाहता हूँ कि देश में आपातकाल किसने लागू किया। न्यायपालिका की गरिमा पर आघात किसने पहुंचाया। संविधान में सबसे ज्यादा संशोधन किसने किया। जिन लोगों ने ये सब किया है उन्हें संविधान को याद रखने की जरूरत है।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के डंडे वाले ब्यान पर पीएम ने कहा – ”मैंने भी तय कर लिया कि सूर्यनमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा, ताकि मेरी पीठ को मार झेलने की सहनशक्ति बढ़ जाये। पिछले बीस साल से गाली सुनने की आदत पड़ गयी है। पैंतीस मिनट से बोल रहा हूं लेकिन अब जाकर करंट लगा है। ट्यूबलाइट के साथ ऐसा ही होता है।”