राजस्थान के बाद अब पश्चिम बंगाल विधानसभा में भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव की तैयारी है। बंगाल विधानसभा में आज (सोमवार) को लाए जाने वाले इस प्रस्ताव को कांग्रेस और माकपा ने भी समर्थन देने का ऐलान किया है।
गौरतलब है कि केरल, पंजाब और राजस्थान पहले ही नागरिकता आशोधन क़ानून के खिलाफ प्रस्ताव पास कर चुके हैं। अब पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार सदन में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित करवाले वाली है। प्रस्ताव सदन में पास हो जाता है तो पश्चिम बंगाल ऐसा करने वाला चौथा सूबा बन जाएगा।
वैसे सीएए को लेकर विरोध के स्वर कई राज्यों ने जाहिर किये हैं। इनमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव भी हैं। कुछ दिन पहले नागरिकता संशोधन कानून खिलाफ राजस्थान विधानसभा भी प्रस्ताव कर चुकी है। राजस्थान सरकार ने पिछले हफ्ते शनिवार को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था।
केरल और पंजाब की राज्य सरकारें नागरिकता कानून के खिलाफ पहले प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं। केरल में तो राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इस प्रस्ताव को पास करने को लेकर केरल सरकार को चेता भी चुके हैं। बंगाल के बाद तेलंगाना सरकार भी एक विशेष सत्र बुलाकर सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव ला सकती है। सीएम राव इसका संकेत दे चुके हैं। एनआरसी का विरोध बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी कर रहे हैं, हालांकि वे उतने मुखर नहीं दिखते। इसके चलते उनकी पार्टी में विरोध के स्वर भी उठ रहे हैं।