किसान आन्दोलन में पहली बार सामने आने वाला टूलकिट मामला अब फिर से सिर उठाने लगा है। अब यह मामला दो सियासी पार्टियों के बीच में एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का बन गया है। तहलका संवाददाता ने इस बारे में जब सियासी लोगों से बात की, तो कुछ ने जवाब दिया कि कुछ तो गड़बड़ है, जो अपने सियासी शब्द बाणों से काम चलता न देख कांग्रेस और भाजपा को पुलिस में शिकायत तक करनी पड़ी। सियासी गलियारों में इन दिनों टूलकिट की चर्चा आम है।
कुछ लोगों का कहना है कि देश में अपनी गिरती शाख और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में हार के बाद भाजपा ने अपनी साख को बट्टा लगाने का आरोप कांग्रेस पर मढ़ा है। क्योंकि वह कोरोना-काल ध्वस्त होती स्वास्थ्य सेवाओं को ठीक करने और लगातार बड़े पैमाने पर हो रही मौतों का जवाब देने में नाकाम साबित हो रही है। ऐसे में अपनी कमी को छिपाने के लिए कांग्रेस पर टूलकिट के ज़रिये लोगों का ध्यान बाँटने का सियासी खेल भाजपा के द्वारा खेला जा रहा है।
कांग्रेस का कहना है कि देश में जन-मानस अस्त-व्यस्त है। महामारी से लोग बेमौत मर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाएँ ध्वस्त पड़ी हैं। ऑक्सीजन के अभाव में लोगों की जानें चली गयीं। लेकिन इस तरफ़ केंद्र की मोदी सरकार का कोई ध्यान नहीं है, न ही चिन्ता है। अगर भाजपा को चिन्ता है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि की चिन्ता है। भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अमरीश रंजन पाण्डेय का कहना है कि कांग्रेस को बदनाम करने के चक्कर में भाजपा अपने ही जाल में फँस गयी है। उनका कहना कि भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा सब सामने आ गया है। देश में लोगों को कोरोना-काल में ज़िन्दगी बचाना मुश्किल हो रहा है। लेकिन भाजपा अपनी छवि बचाने के लिए लोगों को भ्रमित कर रही है, ताकि केंद्र सरकार की नाकामियों को छिपाया जा सके। लेकिन अब सब कुछ सामने आ गया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने जिस चतुराई से टूलकिट के लिए कांग्रेस का नक़ली पत्र के ज़रिये कांग्रेस को बदनाम और घेरने की योजना बनायी थी, उसी जाल में संबित पात्रा ख़ुद फँस गये हैं। लेकिन कांग्रेस इस मामले में चुप बैठने वाली नहीं है, जब तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और प्रवक्ता को जेल नहीं भेज देती। क्योंकि इन दोनों नेताओं ने एक षड्यंत्र के तहत कांग्रेस का बदनाम करने का काम किया है। अमरीश रंजन पाण्डेय का कहना है कि भाजपा कितनी भी होशियारी कर ले, उसके कई सियासी दाँव उस पर ही उलटे पड़ जाते हैं, टूलकिट वाला दाँव भी उलटा पड़ गया। क्योंकि आज भाजपा अपने बचाव के लिए जिस तरह सियासी टूल का सहारा ले रही है वह अब लोगों की समझ में आने लगा है और अब यह सियासत यहीं तक रुकने वाली नहीं है, बल्कि देश के हर जिले-कस्बे में जाएगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि कांग्रेस ने कथित टूलकिट मामले में भाजपा को एक फिर से कटघरे में खड़ा किया है। इस फ़र्ज़ी मामले में भाजपा के नेताओं को जेल जाना पड़ सकता है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर पुलिस भाजपा नेताओं के दबाव में आकर काम करती है, तो कांग्रेस अब दूसरे राज्यों में कार्यकर्ताओं के ज़रिये टूलकिट मामले को लेकर एफआरआई दर्ज कराएगी, ताकि भाजपा को घेरा जा सके और भाजपा की नक़ली जालसाजी जनता के सामने लायी जा सके।
कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा का कहना है कि देश में क्या हो रहा है? महामारी से लोग मर रहे हैं। युवाओं की नौकरी जा रही है। पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी नहीं है। ग़रीबी बढ़ रही है। बेरोज़गारी किसी महामारी से कम नहीं है। उस पर भाजपा की मोदी सरकार को अपनी नाकामी को ढकने के सिवाय कुछ नहीं दिख रहा है। बस दिख रहा है, तो सिर्फ़ इतना ही कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ख़राब होती छवि को बचाया जाए। राजनीति के जानकार अनुज कहते हैं कि देश के प्रधानमंत्री की छवि इस बार जितनी ख़राब हुई है, क्या इससे पहले कभी इस तरह ख़राब हुई थी? ख़ुद अपनी छवि ख़राब करने में उन्होंने (नरेंद्र मोदी ने) ख़ुद कोई क़सर छोड़ी है?
इधर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा का कहना है कि टूलकिट के ज़रिये सरकार की छवि को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने देश के साथ धोखा किया है। कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी की छवि धूमिल करने वाले लेखों को विदेशों में छपवा रहे हैं। यह भी कांग्रेस कह रही है कि कोरोना वायरस को इंडियन स्ट्रेन कहा जाए कि मोदी स्ट्रेन। ये सारी हरकतों से देश को काफ़ी नुक़सान हो रहा है। संबित पात्रा का कहना है कि कांग्रेस के नेता राजीव गौड़ा की रिसर्च टीम से जुड़ी सौम्या वर्मा इस टूलकिट की सूत्रधार हैं। जो टूलकिट के माध्यम से कांग्रेस नेता केंद्र सरकार के विरोध में माहौल बनाने में लगे हैं, उन्होंने दावा भी किया है कि इस मामले में उनके पास पुख़्ता सुबूत भी हैं। सौम्या वर्मा कांग्रेस नेता राजीव गौड़ा के साथ राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी की तस्वीर भी है। संबित पात्रा का आरोप यह है कि यह टूलकिट उन्हीं प्रबन्धकों की टीम है, जिन्होंने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर लोगों को गुमराह करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बिगाडऩे का काम किया है।
बताते चलें कि टूलकिट मामले में सियासी बवाल पर तमाम सवाल उठने के बाद सूचना एवं तकनीकी मंत्रालय ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के टूलकिट वाले ट्वीट को मैन्युप्लेटेड मीडिया बताये जाने पर आपत्ति जतायी है। मंत्रालय का कहना है यह मामला जाँच एजेंसी के पास है। ऐसे में ट्विटर को किसी मामले में फ़ैसला देने का अधिकार नहीं है। वह तुरन्त इस टैग को हटाएँ। मंत्रालय ने कहा कि ट्विटर का यह क़दम न केवल उसकी विश्वनीयता घटाएगा, बल्कि उसकी इस मामले पर सवाल भी खड़ा करेगा कि वह सिर्फ़ और सिर्फ़ एक माध्यम है। मंत्रालय ने ट्विटर से कहा कि इस मामले में पहले से ही सम्बन्धित पक्षों की ओर से शिकायतें की गयी हैं, जिस पर क़ानूनी जाँच चल रही है। सरकार ने ट्विटर की इस कार्रवाई को सियासत का हिस्सा बताया है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि टूलकिट को लेकर सोशल मीडिया में जो हो-हल्ला हो रहा है, उससे किसी राजनीतिक दल को कोई लाभ होने वाला नहीं है। बस यह सारा का सारा प्रोपेगेंडा लोगों का ध्यान बाँटने का काम है। लेकिन सरकार को ख़ुद चाहिए कि वह इस मामले में उलझकर ख़ुद सकारात्मक काम करे, ताकि छवि बनाने और बिगाडऩे वाली राजनीति न हो। क्योंकि देश में कोरोना वायरस का कहर कुछ कम ज़रूर हुआ है, न कि कोरोना गया है। वैसे ही जबसे देश में ट्वीट और ट्विटर वाली राजनीति हावी हुई है, तबसे जनमानस की समस्या बढ़ी है।
क्योंकि राजनेता अब अपना बचाव ट्वीट और ट्वीटर के ज़रिये ही करते हैं, जिसका धरातल से कोई वास्ता नहीं है। भाजपा नेता का कहना है कि कांग्रेस के साथ अन्य भाजपा विरोधी राजनीति दलों ने जो इस मामले में पर्दे के पीछे जो राजनीति की है, उससे कांग्रेस को ज़रूर बल मिला है। लेकिन उससे कांग्रेस को कुछ हासिल होने वाला नहीं है। क्योंकि आज कांग्रेस अपनी जीत के लिए राजनीति नहीं कर रही है, बल्कि भाजपा को हराने के लिए राजनीति कर रही है। जैसा कि पश्चिम बंगाल में देखने को मिला है कि कांग्रेस ने अपनी हार पर मंथन तक नहीं किया, बल्कि भाजपा की हार पर जश्न मनाया।
वहीं कांग्रेस के युवा नेता अवनीश कुमार का कहना है कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में मिली हार के कारण अब आने वाले उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और पंजाब में होने वाले अगले साल के विधानसभा चुनाव में हार दिख रही है, जिससे भाजपा बौखला रही है। लेकिन कांग्रेस अब चुपचाप राजनीति करने वाली नहीं है, क्योंकि कांग्रेस ने टूलकिट के ज़रिये लोगों को गुमराह नहीं किया है। बल्कि फूड किट और मेडिकल किट के माध्यम से कोरोना-काल में लोगों की कही मायने में सेवा की है।
इस मामले सियासत के जानकारों का कहना है कि कई बार कई मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने और अपनी ज़िम्मेदारी से बचने के लिए ऐसी चालें चली जाती हैं, ताकि आरोप-प्रत्यारोप की सियासत में जनता उलझी रहे। मौज़ूदा दौर में महामारी, ग़रीबी, बेरोज़गारी, भुखमरी, परेशानी और लॉकडाउन के डर से लोगों को जूझना पड़ रहा है, जो जीते जी मरने से कम नहीं है। क्योंकि देश में किसान आन्दोलन को भी दबाना है, तभी तो टूलकिट जैसे मामले आते हैं।