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पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू आज शाम पंजाब भवन में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मिलेंगे। खुद सिद्धू ने एक ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। माना जाता है कि यदि सिद्धू की तरफ से विरोध वाली एकाध नियुक्ति पर यदि फैसला हो जाता है, तो सिद्धू इस्तीफा वापस ले सकते हैं।
अपने ट्वीट में सिद्धू ने लिखा है कि मुख्यमंत्री चन्नी ने उन्हें शाम तीन बजे बातचीत के लिए बुलाया है। सिद्धू ने कहा कि वे इस बैठक में शामिल होंगे। सिद्धू ने कहा – उनका (सीएम) का बातचीत के लिए स्वागत है।
बता दें मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने अचानक पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद पंजाब कांग्रेस में तूफ़ान उठ खड़ा हुआ था। उधर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह दिल्ली में जिस तरह कल भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह और आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से मिले हैं, उसके बाद से यह चर्चा है कि वे पंजाब कांग्रेस में ही अपने राजनीतिक विरोधी नवजोत सिद्धू को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
यही नहीं अमरिंदर सिंह कांग्रेस के बागी नेताओं, जिन्हें जी-23 कहा जाता है, के साथ मिलकर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ उनकी आवाज से आवाज मिला सकते हैं। अमरिंदर सिंह को लेकर भले भाजपा में जाने की बातें भी मीडिया में चल रही हैं, अभी तय नहीं है कि वे ऐसा करेंगे, या कब करेंगे।
उधर सिद्धू और चन्नी की आज की बैठक में उन मसलों पर बातचीत की सम्भावना है जिनपर खफा होकर सिद्धू ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। इनमें प्रदेश की कुछ नियुक्तियों के भी मसले हैं। पार्टी आलाकमान ने पहले ही निर्देश दिया हुआ है कि पंजाब की इस समस्या का हल प्रदेश इकाई खुद निकाले। उसी सिलसिले में चन्नी ने सम्भवता सिद्धू के साथ बैठक करने का फैसला किया है।
जानकारों का कहना है कि यदि इन मसलों को सुलटा लिया जाता है तो सिद्धू अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनकी जगह आलाकमान नया अध्यक्ष बना सकती है, जो उसने पहले ही साफ़ कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक के मुताबिक सिद्धू के सलाहकार उन्हें यह सुझाव दे रहे हैं कि उनका कोई कदम ऐसा नहीं होना चाहिए, जिससे यह सन्देश जाए कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के खिलाफ मोर्चेबंदी कर ली है, क्योंकि आलाकमान ने हाल की लड़ाई में उनका साथ दिया है। ऐसे में सिद्धू की कुछ बातें यदि मुख्यमंत्री चन्नी मान लें तो मसले का हल निकल सकता है।
सिद्धू को यह भी बताया गया है कि जितने वे कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं, उतना ही एक मुख्यमंत्री के रूप में चन्नी का भी अपना अधिकार क्षेत्र है। लिहाजा उन्हें फैसले करने का अधिकार रहना चाहिए और और हर फैसले में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए, नहीं तो उनपर ‘डमी मुख्यमंत्री’ होने का ठप्पा लग जाएगा और विपक्ष इसका फायदा उठाएगा। हाँ, दागी लोगों को ओहदे देने पर बातचीत हो सकती है।
जानकारी के मुताबिक सीएम चन्नी सिद्धू की कुछ मांगों पर सहमति दे सकते हैं, और हाल की एकाध विवादित नियुक्ति पर फैसला पलटा जा सकता है। यह माना जाता है कि इनमें डीजीपी, एक मंत्री की नियुक्ति विवाद के केंद्र में है।