भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि में संशोधन को लेकर पाकिस्तान को नोटिस जारी किया है। सूत्रों के अनुसार सिंधु जल के लिए संबंधित आयुक्तों के माध्यम से 25 जनवरी को आईडब्ल्यूटी के अनुच्छेद XII (3) के अनुसार नोटिस जारी किया गया हैं।
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की कार्रवाइयों ने आईडब्ल्यूटी के प्रावधानों और उनके कार्यान्वयन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। और इसी के चलते भारत को आईडब्ल्यूटी के संशोधन के लिए एक उचित नोटिस जारी करने के लिए मजबूर किया है।
सूत्रों के अनुसार वर्ष 2015 में पाकिस्तान ने भारत की किशनगंगा और रातले हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स पर अपनी तकनीकी आपत्तियों की जांच के लिए एक तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति के लिए अनुरोध किया था किंतु वर्ष 2016 में पाकिस्तान ने एकतरफा रूप से इस अनुरोध को वापस ले लिया था और प्रस्तावित किया कि एक मध्यस्थता अदालत उसकी आपत्तियों पर फैसला सुनाए।
पाकिस्तान कि यह एकतरफा कार्रवार्इ सिंधु जल संधि के अनुच्छेद IX द्वारा परिकल्पित विवाद समाधान के श्रेणीबद्ध तंत्र के उल्लंघन में है। और इसके अनुसार भारत ने इस मामले को एक तटस्थ विशेषज्ञ के पास भेजने के लिए एक अलग अनुरोध किया है।
नोटिस में कहा गया है कि भारत द्वारा पारस्परिक रूप से सहमत तरीके से आगे बढ़ने के लिए बार-बार प्रयास करने के बावजूद, पाकिस्तान ने 2017 से 2022 तक स्थायी सिंधु आयोग की पांच बैठकों के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा करने से इनकार कर दिया। और पाकिस्तान के निरंतर आग्रह पर, विश्व बैंक ने हाल ही में तटस्थ विशेषज्ञ और मध्यस्थता न्यायालय प्रक्रियाओं दोनों पर कार्रवाई शुरू की है। आईडब्ल्यूटी के किसी भी प्रावधानों के इस तरह के उल्लंघन का सामना करते हुए, भारत को संशोधन का नोटिस जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
आपको बता दें, सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) 1960 के प्रावधानों के अनुसार, सिंधु बेसिन की छह नदियों के पानी के बंटवारे पर भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु आयुक्त और स्थायी सिंधु आयोग है। जो कि हर साल वैकल्पिक रूप से भारत और पाकिस्तान में कम से कम एक बार मिलते हैं।
सिंधु बेसिन की छह नदियों में से भारत का तीन पूर्वी नदियों- सतलुज, ब्यास और रावी पर पूर्ण अधिकार हैं, वहीं पश्चिमी नदियों- चिनाब, झेलम और सिंधु पर पाकिस्तान का अधिकार है। और भारत व पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि हुई है। किंतु भारत की नदियों से पाकिस्तान को भारी मात्रा में अतिरिक्त पानी मिल जाता हैं।